यूएस समेत कई देशों में सीएम कॉलेज के प्राध्यापक का शोध पत्र ''कोरोनाफोबिया'' प्रकाशित

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीएम कॉलेज के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के सहायक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:32 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:32 PM (IST)
यूएस समेत कई देशों में सीएम कॉलेज के प्राध्यापक का शोध पत्र ''कोरोनाफोबिया'' प्रकाशित
यूएस समेत कई देशों में सीएम कॉलेज के प्राध्यापक का शोध पत्र ''कोरोनाफोबिया'' प्रकाशित

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीएम कॉलेज के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक चतरिया गांव निवासी प्रो. अमृत कुमार झा का शोध पत्र अंडरस्टैंडिग कोरोनाफोबिया विश्व यूएस समेत विश्व के दर्जनभर देशों के न्यूज एजेंसी और पत्रिकाओं में जगह बनाया है। पत्रिका और न्यूज एजेंसियों द्वारा कोविड-19 के व्यापक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर प्रभावी वैज्ञानिक शोध माना जा रहा है। शोधार्थी ने कहा कि शोध से कोरोना के मनोवैज्ञानिक डर और उसके लक्षण के बारे में दुनिया भर के वैज्ञानिकों तथा मानवजाति को समझने में मदद मिली है। विश्व प्रख्यात शोध प्रकाशन ऐलसेवियर के एशियन जर्नल ऑफ साइकेट्रि के दिसंबर 2020 में छपे इस शोध पत्र को अभी तक वाशिगटन पोस्ट, सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड, ब्रिसबेन टाइम्स, मेट्रो यूके, हेल्थ, बसल, परेड, बोस्टन ग्लोब, कनाडियन टेलीविजन नेटवर्क, क्वीन, गल्फ न्यू•ा, नर्सेज अफ्रीका, सीएनएन इंडोनेशिया, सिडो न्यूज जो क्रमश: यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ग्रीस, मध्य पूर्व, अफ्रीका, इंडोनेशिया देश के है, ने शोध पत्र को शामिल प्राथमिकता के साथ अपने पत्रिकाओं और न्यू एजेंसियों में शामिल किया है। भारत में अबतक दैनिक जागरण और एक अंग्रेजी अखबार ने इसे प्रकाशित किया है।

शोध पत्र ऑल्टमैट्रिक गणना, जो वैश्विक स्तर पर सोशल मीडिया तथा अन्य मीडिया में बहुचर्चित शोधों का मापन करता है, में इस साल टॉप 5 फीसद शोधों में पहले से ही शामिल हो चुका है। बता दें कि यह आलेख पिछले साल से ही डब्ल्यूएचओ के कोविड-19 डेटाबेस में शामिल होते ही गूगल सर्च पर नंबर वन रहा है। वाशिगटन स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ ने इसे अपने कोविड-19 के रोकथाम के क्रम में भी उपयोग किया था।

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