दर्शन दिअ दिगंबर, दर्शन के हम भिखारी, आयल छी दुआरी

कोरोना से जंग के बीच सावन की पहली सोमवारी भक्तों के लिए मायूसी भरा रहा। जिले के अधिकांश शिवालयों के द्वार जिला प्रशासन के आदेशानुसार बंद रखा गया। शहर के प्रसिद्ध माधेश्वर नाथ हजारी नाथ पंचा नाथ केएम टैंक स्थित शिव मंदिरों के द्वार सोमवार को भक्तों के लिए बंद थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 02:30 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 02:30 AM (IST)
दर्शन दिअ दिगंबर, दर्शन के हम भिखारी, आयल छी दुआरी
दर्शन दिअ दिगंबर, दर्शन के हम भिखारी, आयल छी दुआरी

दरभंगा । कोरोना से जंग के बीच सावन की पहली सोमवारी भक्तों के लिए मायूसी भरा रहा। जिले के अधिकांश शिवालयों के द्वार जिला प्रशासन के आदेशानुसार बंद रखा गया। शहर के प्रसिद्ध माधेश्वर नाथ, हजारी नाथ, पंचा नाथ, केएम टैंक स्थित शिव मंदिरों के द्वार सोमवार को भक्तों के लिए बंद थे। दूसरी बार कोरोना महामारी के चलते सावन की पहली सोमवारी को मंदिरों के द्वार बंद रखे गए। पहले जहां सावन की सोमवारी पर शहर से लेकर गांवों के शिवालयों में भक्तों की लंबी भीड़ देखी जाती थी। वहीं इस बार ना तो शिवालयों के द्वार और ना ही भक्तों की लंबी भीड़ देखने को मिली। जिले के शिवालयों को पूरी तरह सुरक्षा के घेरे में रखा गया था। श्रद्धालु शिवालयों के बंद पड़े द्वारों पर अर्घा के माध्यम से जलाभिषेक कर पूजा-पाठ करते दिखे।

मिथिलांचल के बाबा धाम में जलाभिषेक को पहुंचे भक्तों में दिखी मायूसी, भक्तों ने बंद द्वार पर ही जलाभिषेक किया

कुशेश्वरस्थान : मिथिलांचल के बाबाधाम कुशेश्वरस्थान शिव मंदिर में लगातार दूसरे वर्ष भी सावन के महीनों में पूजा अर्चना पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जिससे मंदिर परिसर में खामोशी छाई हुई है। न्यास समिति के प्रबंधक ने मंदिर के मुख्य द्वार को बांस बल्ला से घेर दिया है। ताकि कोई भी श्रद्धालु मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सके। श्रद्धालु मुख्य द्वार पर ही फुल, बेलपत्र, अक्षत एवं जल अर्पित कर पूजा की रश्म पूरा कर संतोष कर लेते हैं। मंदिर में पूजा अर्चना पर प्रतिबंध लागू होने से मंदिर में पूजा पाठ कराने वाले पंडा समाज एवं फुल बेलपत्र बेचने वाले माली समाज के आमदनी का जरिया समाप्त हो गया है। बता दें कि सावन महीने में पूजा अर्चना करने के लिए आने वाले कांवरियों से पंडा एवं माली समाज के लोगों को भरपूर कमाई होती थी। लेकिन पिछले दो सालों से पंडा एवं माली समाज के सावन माह में होने वाली कमाई कोरोना की भेंट चढ़ गयी है।

कखन हरब दु:ख मोर भोले बाबा

केवटी : करोना महामारी के आतंक पर आस्था का महासावन भारी दिखा। सावन मास पहली सोमवारी को रामेश्वरनाथ शिवालय रनवे, ज्योतिरनाथ शिवालय मझिगामा, जीवछेश्वरनाथ शिवालय पथारपट्टी, जलेश्वरनाथ शिवालय बरही, गंगधारेश्वर शिवालय गोपालपुर के अलावा क्यामचक, नयागांव, पिडारूच बलहुआ, पचाढ़ी, दड़िमा, ननौरा,बाढ़पोखर, हाजीपुर, बेहटा, परसा विसनपुर , खिरमा, गोपालपुर समेत विभिन्न शिवालयों में शिव भक्तों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बारी-बारी जलाभिषेक किया।

बेनीपुर में जलाभिषेक के दौरान शारीरिक दूरी की उड़ी धज्जियां

बेनीपुर : सावन की पहली सोमवारी को लेकर अनुमंडलीय क्षेत्र के प्राय: सभी शिवालयों में हर हर बम बम, शिव शंभु के जयकारा के गूंज रहे थे। विभिन्न शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ पूजा अर्चना के लिए अहले सुबह से लगी थी। इस दौरान क्षेत्र के पोहदी गांव स्थित भूतनाथ मंदिर, धरौडा गांव स्थित बनही महादेव, अन्टौर गांव स्थित पंचानाथ महादेव समेत कई शिवालयों में शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाते हुए भक्तों ने जलाभिषेक किया।

जाले के बाबा मनेश्वरनाथ महादेव मंदिर में जलाभिषेक को उमड़ी भक्तों की भीड़

जाले,: प्रखण्ड क्षेत्र के मनामदेव स्थित बाबा मनेश्वरनाथ महादेव मंदिर में जलाभिषेक को लेकर रविवार की देर रात से ही मंदिर प्रांगण में भक्तों की भीड़ देखी गई। दर्जनों शिवभक्तों की अलग अलग टोली पूरी रात शिव नचारी और शिव तांडव भजन कीर्तन से माहौल को भक्तिमय कर रहे थे। सोमवार की अहले सुबह प्रधान पुजारी बाबा उमेशपुरी के प्रथम पूजा के बाद मन्दिर के मुख्य द्वार भक्तों के लिए खोले गए। सोमवार को दिनभर भक्तों ने जलाभिषेक किया।

हायाघाट के शिवालयों में गूंजते रहे हर-हर महादेव के जयघोष

हायाघाट : सावन की पहली सोमवारी पर प्रखंड के विभिन्न गांवों के शिव मंदिरों में शिवलिग पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। इस दौरान हर-हर महादेव की जयघोष से सभी शिवालय गूंज उठे। प्रखंड क्षेत्र के बाबा जनेश्वरनाथ महादेव मंदिर होरलपट्टी, बाबा एकनाथधाम घोषरामा,मझौलिया, पिपरौलिया, मकसूदपुर, पौराम, रुस्तमपुर, पतोर, चंदनपट्टी, आनंदपुर सहोड़ा, गोरापट्टी, बसहा मिर्जापुर, बाबा दीनाराम ब्रह्मस्थान सुरहाचट्टी, बिशनपुर,श्रीपुरबहादुरपुर आदि गांवों के शिवालयों में सुबह से ही महिला व पुरुष श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी रहा।

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