बागमती व धौंस नदी की धारा में बह गया चचरी पुल, आवागमन बाधित

केवटी। केवटी से गुजरने वाली अधवारा समूह की बागमती और धौंस नदियों की धारा में बाजीदपुर-टेकटार और कोठिया-सिरहुल्ली मार्ग में ग्रामीणों के सहयोग से बने दोनों चचरी पुल के बह जाने के बाद पिछले 11 दिनों से आवागमन पूरी तरह से प्रभावित है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 01:42 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 01:42 AM (IST)
बागमती व धौंस नदी की धारा में बह गया चचरी पुल, आवागमन बाधित
बागमती व धौंस नदी की धारा में बह गया चचरी पुल, आवागमन बाधित

केवटी। केवटी से गुजरने वाली अधवारा समूह की बागमती और धौंस नदियों की धारा में बाजीदपुर-टेकटार और कोठिया-सिरहुल्ली मार्ग में ग्रामीणों के सहयोग से बने दोनों चचरी पुल के बह जाने के बाद पिछले 11 दिनों से आवागमन पूरी तरह से प्रभावित है। चचरी पुल 30 जून को ध्वस्त होकर नदी में बह गया था। सरकारी स्तर से बाजीदपुर व कोठिया घाट पर नाव नहीं दिए जाने के कारण दोनों जगहों के लोग निजी नाव भाडा पर लेकर नदी पार करने को विवश है। पानी की तेज धारा से नदी के दोनों किनारों से मिट्टी कट जाने से नाविकों को नाव लगाने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। त्रिमुहान, बग्धा, मंगरथू, पचमा, बाजीदपुर, कोठिया, सिघिया, बहपुरा सहित दर्जनों गांवों के लोगों को कई माह तक बाढ़ के पानी का सामना करना पड़ता है। पूर्व पंचायत समिति सदस्य रामप्रकाश साह ने बताया कि नदी पर पुल का निर्माण नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है। लोगों की परेशानी को देखते हुए कई बार दोनों नदियों पर पुल निर्माण की मांग जनप्रतिनिधियों से की गई। लेकिन, इस दिशा में अब तक सुधि नहीं ली गई।

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बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर गए लोग :

घनश्यामपुर : कमला-बलान नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से घनश्यामपुर के 10 गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बाढ़ का पानी बहुत तेजी से खेतों व निचले इलाके में फैलने लगा है। नदी के दोनों तटबंध के बीच बसे वैजनाथपुर, कनकी मुसहरी, नवटोलिया, कैथाही, बाउर, भरसाहा, गिदराही, पनपीबी आदि गांव के लोग पानी और बढ़ने की आंशका से डरे हुए हैं। डूब क्षेत्र के गांव में अफरा-तफरी मची है। लोग राशन, पानी, मवेशी, बाल-बच्चा के लिए सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर रहे हैं। मौसमी विभाग की ओर से भारी वर्षा व नदी के जलस्तर में वृद्धि की चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीओ दीनानाथ कुमार ने कहा कि पानी को देखते हुए तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गई है। बिहार होमगार्ड के जवान बांध पर गश्त लगा रहे हैं। इस संबंध में विभाग के एइ गुलाम गौस ने बताया कि जलस्तर झंझारपुर में खतरा के निशान से 10 सेमी नीचे है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

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तारडीह : नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश का असर क्षेत्र से बहने वाली कमला नदी पर दिख रहा है। नदी के जलस्तर में वृद्धि से आसपास के बसे गांव के लोगों में बाढ़ को लेकर चिता बढ़ गई है। जलस्तर बढ़ने से तटबंध के बीच में बसे भरी आ रही गांव का संपर्क टूट गया है। कमला नदी झंझारपुर रेलवे पुल के समीप खतरे के निशान के आसपास बह रही है, जो कभी इस सीमा को लांध सकती है। इसको लेकर लोगों में भय का माहौल है।

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