कोरोना के दूसरे संक्रमण के लिए केंद्र सरकार की विवेकहीन नीतियां जिम्मेवार : माले
दरभंगा। माले जिला कार्यालय में शनिवार को कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित कर केंद्र
दरभंगा। माले जिला कार्यालय में शनिवार को कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित कर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्व सांसद पप्पू यादव को अविलंब रिहा करो आदि मांगों की तख्ती लेकर कार्यकर्ताओं ने अपने घरों और पार्टी कार्यालयों से प्रतिवाद दर्ज कराया। जिला कार्यालय में आरके सहनी, लक्ष्मी पासवान, अवधेश सिंह, शिवन यादव, गंगा मंडल, अनूप रंजन, खुशबू कुमारी आदि कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि कोरोना के दूसरे संक्रमण के लिए मोदी-शाह की विवेकहीन नीतियां जिम्मेवार है। कहा जिस भाजपा ने 2017 के यूपी चुनाव में शवदाह गृह बनाने का वादा किया वहां आज लोगों की लाश गंगा नदी में फेंककर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा है। कहा डीएमसीएच में वेंटीलेटर के चालू नहीं होने से मरीजों की मौत हुई है।
माले के राज्यव्यापी आह्वान के तहत शनिवार को इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं ने सिंहवाड़ा में अपने-अपने घरों कार्यालयों में प्रतिवाद के तहत पंचायत स्तर पर जांच व टीकाकरण केंद्र खोलने की मांग की। सदर प्रखंड के कंसी गांव में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यकर्ताओं ने धरना दिया गया। इधर, नैनाघाट, झियामा, बाजार समिति और चंदनपट्टी में कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद धरना आयोजित कर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। धरना में मकसूद आलम पप्पू खां, रामाशंकर पासवान, नीमलाल चौपाल,
सज्जन मंडल, सोहेल खान, पिकू खान, अकबर खान, सोनू खान, अलबेला खान, बेलाल खां आदि शामिल थे।
हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र में माले कार्यकर्ताओं ने डीहलाही और रामपट्टी में तख्ती लेकर मांग दिवस मनाया। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। खेग्रामस के प्रखंड अध्यक्ष सियाशरण पासवान और जगदीश राम की संयुक्त अध्यक्षता में हुई सभा को प्रखंड सचिव पप्पू पासवान ने संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद है। प्रखंड अस्पताल दम तोड़ रहा है। गांव में लोग तेजी से बीमार हो रहे हैं, कहीं कोई देखने वाला नहीं है। हालात खराब होने के बाद सरकार लॉकडाउन लागू कर लोगों में भय का वातावरण बना दिया है। आज भी गांवों में आधार कार्ड व कंप्यूटर का अभाव है। ऐसी स्थिति में शर्त को खत्म कर घर-घर लोगों को टीका देने की व्यवस्था की जाए।