बीएमएस कोर्स में निर्धारित 50 सीटों के विरुद्ध मात्र 21 विद्यार्थी नामांकित, 29 की जानकारी नहीं

दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अधीन दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज सिवान में संचालित बैचलर आफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कोर्स में 29 विद्यार्थियों का राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा ( नीट) पास किए बिना ही नामांकन लिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 12:36 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 12:36 AM (IST)
बीएमएस कोर्स में निर्धारित 50 सीटों के विरुद्ध मात्र 21 विद्यार्थी नामांकित, 29 की जानकारी नहीं
बीएमएस कोर्स में निर्धारित 50 सीटों के विरुद्ध मात्र 21 विद्यार्थी नामांकित, 29 की जानकारी नहीं

दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अधीन दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज सिवान में संचालित बैचलर आफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कोर्स में 29 विद्यार्थियों का राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा ( नीट) पास किए बिना ही नामांकन लिया गया है। इस मामले में अब तक विश्वविद्यालय के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जांच के नाम पर पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। जो अब तक रिपोर्ट समर्पित नहीं की है। इतना ही नहीं बीएएमएस कोर्स में नामांकित 29 बिना नीट परीक्षा पास विद्यार्थी पिछले 25 सितंबर से दरभंगा के रामेश्वरलता संस्कृत कालेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षा भी दे रहे हैं। जबकि इन छात्रों की सूची कालेज के आधिकारिक साइट पर नहीं है। दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल की साइट पर बीएएमएस कोर्स सत्र 2019-20 में सात केंद्रीय कोटा और 14 स्टेट कोटा से यानि निर्धारित कुल 50 सीटों में सिर्फ 21 विद्यार्थियों की सूची जारी की गई है। जबकि कालेज द्वारा ली गई इंटरनल एसेसमेंट परीक्षा 2021 के परिणाम के मुताबिक उक्त कोर्स में 51 विद्यार्थी नामांकित है। जबकि कालेज की उपस्थिति पंजी में भी सिर्फ 21 विद्यार्थियों की ही उपस्थिति बनी है।

जांच कमेटी के एक सदस्य ने सौंपी रिपोर्ट, शेष पड़े शिथिल

दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज सिवान में बीएएमएस कोर्स के प्रथम वर्ष 2019-20 में 29 विद्यार्थियों की काउंसिलिग बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा बोर्ड से भी नहीं करवाई गई है। काउंसलिग किए बिना ही 30 सितंबर 2019 से पूर्व ही 29 छात्रों का मेडिकल कालेज में संदिग्ध रूप से नामांकन ले लिया गया। इसको लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। अब तक कमेटी के सिर्फ एक सदस्य राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान दरभंगा के प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद के द्वारा जांच प्रतिवेदन समर्पित किया गया है। इसमें जांच प्रतिवेदन सौंपते हुए प्राचार्य ने कुलसचिव डा. शिवारंजन चतुर्वेदी को बताया है कि, बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कोर्स में षड्यंत्र के तहत 30 दिसंबर 2019 के पूर्व ही 29 छात्रों का अवैध रूप से नामांकन किया गया है जो भारत सरकार, राज सरकार एवं उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के सिविल अपील का उल्लंघन है।

जांच कमेटी गठित करने के लिए दो तिथि में एक समान चिट्ठी किया गया जारी

बीएएमएस कोर्स में 29 विद्यार्थियों का राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) पास किए बिना ही नामांक लिए जाने के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दो तिथि में एक समान चिट्ठी जारी किया था। मामले की जांच के लिए पहली चिट्ठी उपकुलसचिव द्वितीय सुनील कुमार झा ने 18 सितंबर को जारी की थी। जांच समिति के सदस्यों के रूप में राजकीय आयुर्वेद कालेज कदम कुआं पटना के प्राचार्य, भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान मोहनपुर दरभंगा के प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेद कालेज कदम कुआं पटना के स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार सिंह, संस्कृत विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. सुरेश्वर झा और संयोजक के रूप में उपकुलसचिव प्रथम निशिकांत प्रसाद सिंह को शामिल किया गया था। इसमें बताया गया था कि सात दिनों के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपना है। इसके बाद दोबारा 24 सितंबर को उपकुलसचिव द्वितीय सुनील कुमार झा के द्वारा चिट्ठी से सिर्फ कुलसचिव शिवा रंजन चतुर्वेदी का नाम हटाकर पहली चिट्ठी की विषय को रख दिया गया। यानि की जो जांच 24 सितंबर तक हो जानी चाहिए थी। इसके लिए फिर उसी चिट्ठी को 24 सितंबर को जारी किया गया। दूसरी चिट्ठी के मुताबिक अब 31 सितंबर तक कमेटी में शामिल सदस्यों को जांच प्रतिवेदन समर्पित करना है।

दूसरे दिन भी कदाचार में शामिल विद्यार्थियों ने दी परीक्षा दरभंगा शहर के रामेश्वरलता संस्कृत कालेज परीक्षा केंद्र पर सोमवार को आयुर्वेदाचार्य की चल रही परीक्षा में 10 परीक्षार्थियों की तलाशी के दौरान विभिन्न कमरों से प्रिटेड चिट की पर्ची मिली थी। इस मामले में अब तक नकलचियों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक उक्त सभी परीक्षार्थी 28 सितंबर को हुई परीक्षा में भी बताए जाते हैं। परीक्षा संबंधित एक्सपर्ट ने बताया कि किसी भी परीक्षा मेडिकल स्तर की परीक्षा में अगर कोई विद्यार्थी चिट के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे कम से एक वर्ष के लिए परीक्षा से निष्कासित किया जाता है। जबकि यहां इस तरह की कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। हालांकि उक्त तिथि की प्रथम पाली की परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। बता दें कि सोमवार को हुई प्रथम पाली की परीक्षा में चीट के साथ पकड़े गए 10 परीक्षार्थियों में 29 बिना नीट परीक्षा पास मामले के परीक्षार्थी शामिल नहीं हैं। इसी दिन दूसरी पाली की परीक्षा में 29 बिना नीट परीक्षा पास मामले के परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे।

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