कोरोना थमने के बाद इस बार धनतेरस में 70 करोड़ तक जा सकता है बाजार
दरभंगा। दीपावली और छठ पर्व को लेकर बाजारों में ग्राहकों की पुरानी रौनक लौट आई है।
दरभंगा। दीपावली और छठ पर्व को लेकर बाजारों में ग्राहकों की पुरानी रौनक लौट आई है। दीपावली के त्योहार के लिए बाजार पूरी तरह सज गए हैं। बाजारों में रौनक भी बढ़ने लगी है। लोग बड़ी संख्या में बाजार पहुंचकर खरीदारी कर रहे हैं। पहले लाकडाउन और बाद में कमाई के अभाव में बाजार सूने-सूने पड़े हुए थे। पिछले वर्ष धनतेरस पर शहर का बाजार 50 करोड़ तक भी नहीं पहुंचा था। जबकि 2019 में बाजार 75 करोड़ के पार पहुंच गया था। कोरोना को देखते हुए दुकानदारों को लग रहा था कि इस बार त्योहारी सीजन भी निराशा देगा, लेकिन उनकी उम्मीदों के विपरीत त्योहारी सीजन में लोग बाजार में जमकर खरीददारी कर रहे हैं। इससे दुकानदारों के चेहरों पर खुशी झलकने लगी है। लोग इलेक्ट्रानिक सामान, मोबाइल और कपड़ा खरीदने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। शहर में इलेक्ट्रानिक, मोबाइल और कपड़ा बेचने वालों की दुकानों में खरीदारों की भीड़ दिख रही है। लोग बड़ी संख्या में बाजार आकर वस्त्रों की खरीदारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दीपावली पर बाजार में जमकर धन बरसेगा। दीपावली को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक बाजार भी रोशन हो उठे हैं। रंग-बिरंगी कैंडल्स, लाइट्स और गिफ्ट पैक से बाजार गुलजार दिख रहे हैं। गणेश जी, स्वास्तिक और शुभ चिन्हों से सजे काफी डिजाइनर दीप की डिमांड बढ़ गई है। त्योहार को देखते हुए ग्राहकों को लुभाने के लिए दुकानदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। इलेक्ट्रॉनिक से लेकर ज्वेलर्स, लाइट्स, मूर्तियों और डिजाइनदार लाइट्स की दुकानों में लोगों की भीड़ देखी जा रही है। व्यापारियों ने बताया कि दुकानों पर पूरे दिन ग्रामीण खरीदारी करने को जुट रहे हैं। गुरुवार को बाजारों तथा दुकानों पर दिन भर ग्रामीणों की चहल-पहल रही। कम हो गया दर्जियों का महत्व
रेडीमेड कपड़ों के बढ़ते व्यापार का सीधा असर पैंट-शर्ट के कपड़ों का व्यापार कर रहे दुकानदारों पर पड़ा है। पहले कपड़ा खरीद कर लोग दर्जी को सिलने में हफ्ते दिन का समय देते थे, आज रेडीमेड कपड़ों के बाजार में आने से ग्राहक आंखों के सामने देखा, नापा और पसंद करके खरीद लिया। ऐसे में कपड़ों के व्यवसायी व दर्जियों का रोजगार प्रतिदिन कम होते हुए नजर आ रहा है। ब्रांडेड कंपनियों के कपड़ों का कारोबार पिछले कई वर्षों से अधिक हो गया है।
युवाओं का मानना है कि रेडीमेड कपड़ों के शोरूम में प्रतिदिन नए डिजाइन में सिले-सिलाए कपड़े आते हैं। ऐसे में दर्जी के यहां कपड़े हफ्ते दिन का इंतजार करने पर भी भी वहीं पुराना माडल पहनने को मिलता है। हालांकि रेडीमेड कपड़ों की पसंद 40 वर्ष से नीचे के लोग ही ज्यादा कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि पहले जहां दुकानों पर कपड़ों का आर्डर देने के लिए भी भीड़ लगी रहती थी, वहीं अब रेडीमेड कपड़े आ जाने से दिन भर में किसी तरह दो-तीन कपड़े ही बिक पाते हैं। लड़कियां पहले सलवार सूट का उपयोग करती थीं, लेकिन बदलते हुए समय में जींस-टॉप, कैपी आदि सूट का प्रचलन बढ़ गया है।
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