निकाह बाद बारात की गाड़ी की चपेट में आने से दुल्हन के पिता की मौत, तीन जख्मी

दरभंगा। सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के भपूरा गांव में निकाह के बाद बारात में आई कार के ठोकर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:53 PM (IST)
निकाह बाद बारात की गाड़ी की चपेट में आने से दुल्हन के पिता की मौत, तीन जख्मी
निकाह बाद बारात की गाड़ी की चपेट में आने से दुल्हन के पिता की मौत, तीन जख्मी

दरभंगा। सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के भपूरा गांव में निकाह के बाद बारात में आई कार के ठोकर से दुल्हन के पिता की मौत हो गई। बताया जाता है कि कार को पीछे करने दौरान संतुलन बिगड़ने से दुल्हन अनूठी परवीन के पिता मो. अनवारूल हक (65) की मौत हो गई। जबकि, तीन अन्य लोग जख्मी हो गए। सभी को सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां से डीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया गया। इस दौरान जख्मियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए स्थानीय लोगों ने सीएचसी के डाटा ऑपरेटर के साथ मारपीट की। बताया जाता है कि घटना के कुछ ही पल बद सीएचसी के स्वास्थ्य कर्मी टीका देकर गाड़ी से वापस जा रहे थे। जिसे देखर लोगों ने वाहन को रूकवाया और उस पर जख्मियों को रखकर अस्पताल पहुंचाने का आग्रह किया । लेकिन, डाटा ऑपरेटर जितेंद्र कुमार और चालक ने विरोध कर दिया। इससे स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। डाटा ऑपरेटर को लोगों ने बंधक बना लिया। ²श्य देख टीका टीम शामिल एएनएम विजयलक्ष्मी, रीता कुमारी टू, राजेश सहित अन्य कर्मी जान बचाकर भागने में सफल रहे। हालांकि, सूचना पर पहुंची पुलिस ने डाटा ऑपरेटर को भीड़ से मुक्त कर स्थिति को नियंत्रण किया । इधर, स्थानीय लोगों की मदद से जख्मी मो. गोरे, अहमद रेजा और मो. जफीर को स्वास्थ्य केंद्र सिंहवाड़ा में भर्ती कराया जहां से गंभीर हालत को देखते हुए डीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया गया।। बता जाता है कि भपूरा निवासी अनवारूल हक की पुत्री अनूठी प्रवीण की शादी के लिए मुजफ्फरपुर के कटरा थाना के बसंत गांव से बारात आया था। निकाह और खान-पान के बाद एक गाड़ी दरवाजा पर बारात को ले जाने के लिए पहुंची। इस क्रम में संतुलन बिगड़ने से एक मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस बीच ठोकर लगने से दुल्हन के पिता अनवारूल हक की मौत घटना स्थल पर ही हो गई। थानाध्यक्ष अमित कुमार मौके पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी है। अफरा-तफरी के बीच वर-वधु को गमगीन माहौल में विदाई कर दी गई। एक तरफ पिता का शव पड़ा था तो दूसरी तरफ पुत्री के रूखसती की रस्म पूरी की गई।

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