मौसम की मार से पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक आई कमी

बक्सर इस साल धान की खेती में शुरू से लेकर अंत तक किसान लगातार परेशान रहे। कभी अतिवृष्टि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 09:45 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 09:45 PM (IST)
मौसम की मार से पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक आई कमी
मौसम की मार से पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक आई कमी

बक्सर : इस साल धान की खेती में शुरू से लेकर अंत तक किसान लगातार परेशान रहे। कभी अतिवृष्टि तो कभी अनावृष्टि के बाद फसल पर विभिन्न प्रकार के रोगों की मार से किसान पहले ही बेहाल थे। अब जब फसल कटाई का समय आया तब पैदावार को देख किसान परेशान हो गए हैं। दरअसल, प्रतिकूल मौसम के बीच फसल पर बीमारियों के कारण उत्पादन पर असर पड़ा है। किसानों की जितनी अपेक्षा थी उसके अनुसार पैदावार नहीं मिल पा रही है।

इस साल धान की खेती पर लगातार किसी न किसी रूप में प्रकृति की मार पड़ती रही, और जो बचा खुचा था उस पर बीमारियों का भी काफी बुरा असर पड़ा है। धान के अगात बुवाई के फसल की कटाई शुरू हो गई है, पर परिणाम संतोषजनक नहीं मिल रहे हैं। जिन किसानों ने क्रॉप कटिग की है उनके अनुसार पैदवार में 15 से 20 प्रतिशत तक कमी आई है। इसके अलावा जिन किसानों के खेतों में पर्ण झुलसा आदि बीमारियों का प्रकोप हुआ था और समय से नियंत्रण नहीं कर पाए, उन्हें सबसे अधिक 50 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ा है। अगात बुवाई की फसल को भी अक्टूबर में दो बार हुई भारी बारिश से अतिवृष्टि की मार सहनी पड़ी है। आंधी बारिश से खेतों में फसल गिरने के बाद वही जमने लगा था। इससे कटाई मे भी काफी देर हुई।

प्रति बीघा तीन से चार क्विटल उपज में कमी

नंदन गांव के जोगींद्र चौधरी, संतोष कुमार सिंह, अरियांव के ओमप्रकाश सिंह, लाल साहेब सिंह, लाखनडिहरा के संतोष सिंह आदि किसानों ने बताया कि फसल कटाई के बाद जब उपज की तौत की गई तो होश उड़ गए। प्रति बीघा जहां कम से कम 15 क्विटल उपज मिलनी चाहिए वहां इस साल महज 11 से 12 क्विटल ही पैदवार मिल रहा है। बोक्सा के दिनेश सिंह ने बताया कि उनके खेत में बिमारी लग जाने के कारण इस साल आधी भी पैदवार नहीं निकल पाई है।

रबी पर भी असर पड़ने की संभावना

धान की कटाई होने के बाद भी खेतों में आवश्यकता से अधिक नमी होने के कारण अभी रबी की बुवाई संभव नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो रबी की देर से बुवाई होने के कारण उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। वैसे सिमरी क्षेत्र में कुछ किसानों द्वारा रबी की बुवाई किए जाने की सूचना है, लेकिन जिले के धान उत्पादक क्षेत्र में रबी की बुवाई पर इसका असर पड़ना तय है।

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इस साल खरीफ की फसल पर शुरू से ही प्रकृति की मार होती रही है। रही सही कसर बाद में आए दो-दो चक्रवाती तूफान ने पूरा कर दिया। लिहाजा उपज पर तो असर पड़ना ही है। अभी बड़े पैमाने पर क्रॉप कटिग नहीं शुरू हुई है, बावजूद अनुमान हे कि उपज में 7 से 10 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।

रामकेवल सिंह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र बक्सर

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