सीएचसी की बदहाल व्यवस्था के विरुद्ध लामबंद होने लगे ग्रामीण
बक्सर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी की बदहाल व्यवस्था को लेकर अब लोग लामबंद होने लगे हैं। श
बक्सर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी की बदहाल व्यवस्था को लेकर अब लोग लामबंद होने लगे हैं। शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के दुल्लहपुर गांव में क्षेत्र के लोगों की एक बैठक पूर्व मुखिया आरती देवी की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें सीएचसी में व्याप्त कुव्यवस्था के लिए सिविल सर्जन को जिम्मेदार ठहराते हुए सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अगले दो दिनों के अंदर यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जन आंदोलन की शुरुआत होगी।
सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व मुखिया सुनील सिंह ने कहा कि सीएचसी की बदहाली के चलते क्षेत्र के ढाई लाख लोगों की जिदगी दांव पर है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की मनमानी के चलते अधिकांश चिकित्सक अस्पताल आना छोड़ दिए है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर दो दिनों के अंदर सीएस द्वारा व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो उनके खिलाफ जन आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। वही आरती देवी ने कहा कि सीएचसी में व्याप्त कुव्यवस्था का मामला सुर्खियों में आने के बाद भले ही जिले के वरीय अधिकारियों के साथ-साथ आम जनता को दिग्भ्रमित करने के उद्देश्य से सिविल सर्जन द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर प्रेमचंद प्रसाद को प्रभार मुक्त कर दिया गया। मगर तल्ख सच्चाई यह है कि अभी भी वे उन्हीं को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बनाए रखना चाहते हैं। ऐसा वे क्यों कर रहे है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता। परवेज कमाल, जगनारायण यादव, सुरेंद्र पासवान आदि ने तो सीएचसी की बदहाली के लिए सिविल सर्जन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आज भी जिले में आधा दर्जन से अधिक चिकित्सक प्रतिनियोजन पर है। मगर सीएस द्वारा आज तक उन्हें विरमित नहीं किया गया। केवल सिमरी में सेवा दे रहे डॉक्टर चंद्रमणि विमल को यहां से विरमित कर उन्होंने स्पष्ट कर दिया की दियारावासियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए वे कितने सचेत है। आयोजित बैठक में बंगाली सिंह, राधा मोहन पासवान, महेंद्र सिंह, हरेराम यादव, चंदन सिंह, डीएन सिंह, धनंजय पांडेय, मुकेश सिंह, भंडारी पासवान, मुन्ना सिंह, तेजू यादव सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।