सब्जियों की कीमत हुई कम, तोड़ने की मजदूरी भी नहीं मिल रही

बक्सर लॉकडाउन जैसे कड़े फैसले से कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमी है लेकिन इससे दियारा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:19 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:19 PM (IST)
सब्जियों की कीमत हुई कम, तोड़ने की मजदूरी भी नहीं मिल रही
सब्जियों की कीमत हुई कम, तोड़ने की मजदूरी भी नहीं मिल रही

बक्सर : लॉकडाउन जैसे कड़े फैसले से कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमी है, लेकिन इससे दियारा के सब्जी उत्पादक किसानों की कमर टूट गई है। हालात यह है कि खेतों में हरी सब्जियां लहलहा रहीं हैं, लेकिन बाजार भाव इतना कम है कि तोड़ने की मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है। केशोपुर से लेकर बड़की नैनिजोर तक गंगा किनारे बड़की संख्या में किसान बंटाई पर खेत लेकर परवल, लौकी, करैला, ककड़ी, खीरा, तरबूज आदि की खेती करते हैं। उनकी फसल भी तैयार है, लेकिन लॉकडाउन के कारण सब्जियां बाहर की मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है।

ऐसी स्थिति में वक्त के मारे किसान खेतों में बैठकर अपनी बर्बादी को अपलक निहार रहे है। जिले के सिमरी प्रखंड अन्तर्गत गर्जन पाठक के डेरा गांव निवासी सब्जी उत्पादक किसान रामाशंकर बिद ने बताया कि गंगा के तटवर्ती इलाके में किसानों द्वारा सैकड़ों बीघे में हरी सब्जी की खेती की गई है। उन्होंने खुद करैला की खेती की है, लेकिन फसल को मंडी तक ले जाना सबसे बड़ी समस्या है। आसपास के फुटकर विक्रेता भी औने पौने दाम लगा रहे हैं। ऐसे में किसानों का लागत खर्च भी निकलना मुश्किल हो गया है। खेतों में सुख रही करैले की फसल

सिमरी प्रखंड का दियारा करैला की खेती के लिए मशहूर है। इस साल भी इसकी जबरदस्त खेती हुई है। करैला उत्पादक किसान रामजी विद ने बताया कि फसल तैयार होते ही लॉकडाउन लग गया। जिससे व्यापारी नहीं पहुंच पा रहे हैं। जो आ रहे हैं, वे दो रुपये और तीन रुपये का भाव लगा रहे हैं। केशोपुर से नैनीजोर तक बड़े पैमाने पर करैला, परवल, लौकी, नेनुआ, ककड़ी, तरबूज आदि की फसल तैयार है। आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे सब्जी उत्पादक किसान अब सरकारी सहायता की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। सरकारी सहायता का अभी नहीं है कोई प्रावधान

इस मामले में जब प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनय कुमार राय से संपर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल विभागीय स्तर पर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। आगे सरकार का कोई मार्गदर्शन आता है तो उसके अनुसार किसानों को इसका लाभ मुहैया कराया जाएगा। सब्जियों के भाव लॉकडाउन में और पहले तथा खेत में सब्जी लॉकडाउन में लॉकडाउन से पूर्व खेत में

करैला 5 रुपये किलो 15 रुपये किलो 2 रुपये किलो

लौकी 8 रुपये पीस 20 रुपये पीस 4 रुपये पीस

परवल 20 रुपये किलो 35 रुपये किलो 12 रुपये किलो

तरबूज 16 रुपये किलो 25 रुपये किलो 7 से 10 रुपये किलो

नेनुआ 10 रुपये किलो 20 रुपये किलो 2-4 रुपये किलो

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