पुराना चौक पंडाल में दिखेगा कैलाश पर्वत का नजारा

बक्सर दुर्गोत्सव पर पूजा समितियां एक से बढ़कर एक थीम पर पर्व की तैयारी कर रहीं हैं। शह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 09:11 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 09:11 PM (IST)
पुराना चौक पंडाल में दिखेगा कैलाश पर्वत का नजारा
पुराना चौक पंडाल में दिखेगा कैलाश पर्वत का नजारा

बक्सर : दुर्गोत्सव पर पूजा समितियां एक से बढ़कर एक थीम पर पर्व की तैयारी कर रहीं हैं। शहर की पुरानी संस्थाओं में से एक पुराना चौक की दुर्गा पूजा समिति कैलाश पर्वत के रूप का भव्य पंडाल का निर्माण करा रही है। खास बात यह है कि यहां का पंडाल श्रद्धालुओं को जल-जीवन हरियाली का संदेश देते दिखेगा। पंडाल और मूर्ति के निर्माण में बंगाल के कलाकार लगे हुए हैं।

इस बार वे कैलाश पर्वत का रूप तैयार कर रहे है। उसी पर माँ दुर्गा विराजमान होंगी। पंडाल के अंदरुनी हिस्से को काफी आकर्षक बनाया जा रहा है। पंडाल के निर्माण में बंगाली कलाकार मिलन पाल लगे हुए है। जबकि, मदन पाल और उनके पुत्र अभिजीत पाल मूर्ति निर्माण में लगे हुए हैं। इस संबंध में प्रशांत वर्मा ने बताया कि भारतीय कला निकेतन की स्थापना 54 साल पूर्व 1967 में की गई। तब से प्रत्येक साल पंडाल भी बन रहा है और पूजा भी होते जा रही है। हालांकि, समय-समय पर समिति के पदाधिकारियों में फेरबदल होती रही। उन्होंने बताया कि इस साल मूर्ति और पंडाल के निर्माण में लगभग चार लाख रुपए खर्च होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस बार कुछ अलग करने की दिशा में पहल की गई। नेट पर तलाश करने के दौरान नम: शिवाय सीरियल का कैलाश पर्वत का चित्र पसंद आया। मां दुर्गा की प्रतिमा उसी में स्थापित कराई जा रही है। मुख्य आकर्षण

पूरे पंडाल के बाहरी और अंदरूनी हिस्से जल-जीवन और हरियाली का संदेश देंगे। इसके लिए नर्सरी से पौधे मंगाए जा रहे हैं। यह सब पूरा पंडाल हरा-हरा दिखेगा। उसको और भी नेचुरल रूप देने के लिए घास भी उगाया जा रहा है। समिति का उद्देश्य है की, लोगों को कुछ अलग करके दिखाया जाए। दूसरे आकर्षण में होंगे कई देवी-देवताओं की प्रतिमा

पंडाल में विभिन्न मूर्तियों के साथ नंदी के विशालकाय प्रतिमा नजर आएगी। उसी पर भगवान गणेश बाल रूप में खेलते नजर आएंगे। पंडाल के अंदरूनी हिस्से कई ऊंचाई 40 फीट रखी गई है। चौड़ाई लगभग 38 फीट होगी। इसमें दो सौ पीस बास, छह सौ मीटर कपड़े। लगभग 8 पेटी थर्मोकोल लगने की संभावना है। सौ गांठ कपड़ों से पंडाल के पास और पाइप की बांधने का कार्य किया गया है।

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