नगर परिषद ने निर्धारित की शवदाह सामग्रियों की कीमत, पर नहीं टंगी लिस्ट

बक्सर दैनिक जागरण में शुक्रवार को श्मशाम घाट पर शवदाह में मची लूट पर छपी खबर देख नग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:57 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:57 PM (IST)
नगर परिषद ने निर्धारित की शवदाह सामग्रियों की कीमत, पर नहीं टंगी लिस्ट
नगर परिषद ने निर्धारित की शवदाह सामग्रियों की कीमत, पर नहीं टंगी लिस्ट

बक्सर : दैनिक जागरण में शुक्रवार को श्मशाम घाट पर शवदाह में मची लूट पर छपी खबर देख नगर परिषद हरकत में आई और व्यवस्था सुधारने की बात कही, लेकिन यह सब जुबानी साबित हुआ। हैरानी की बात है कि श्मशान घाट पर लूट पर रोक लगाने में विफल अधिकारी उल्टे नागरिकों को इस कोरोना वायरस के इस दौर में संसाधन के सीमित होने और आवश्यकताओं के ज्यादा होने का हवाला दे रहे हैं।

नगर परिषद के दावों के बीच दैनिक जागरण की टीम शुक्रवार को एक बार फिर श्मशान घाट पर पहुंची, दिन के तकरीबन 12:00 बज रहे थे। श्मशान घाट पर लाशों के आने का सिलसिला जारी था। दाह-संस्कार के लिए लकड़ी तथा अन्य संसाधन पहले की तरह ही मौजूद थे और पहले की तरह ही उनकी दर का कोई निर्धारण नहीं था। पूछने पर लकड़ी लकड़ी विक्रेताओं ने कहा कि नगर परिषद के द्वारा उन्हें उचित दर पर लकड़ी बेचने की हिदायत दी है, लेकिन यह उचित दर क्या है और इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया, यह पूछे जाने पर वे लोग बगले झांकते नजर आए। लकड़ी के बढ़े भाव देख बाहर से ही लकड़ी लेकर आ रहे लोग:

भोजपुर से पहुंचे ललन प्रसाद बताते हैं कि, श्मशान घाट पर लकड़ियों के बढ़े भाव को देखते हुए वे लोग गांव से ही लकड़ी लेकर आए हुए हैं। कोचस थाना के शिवपुर से अपने स्वजन का शवदाह करने पहुंचे कविद्र तिवारी ने बताया कि घाट पर लकड़ी विक्रेता अनाप-शनाप दाम वसूल रहे हैं। काफी मोलभाव के बाद उन्हें 22 सौ रुपये मन के हिसाब से सागवान की लकड़ी मिली और 14 सौ रुपये क्विटल आम की लकड़ी मिली है। उन्होंने कहा कि किसी भी लकड़ी दुकान पर रेट लिस्ट नहीं लगाया हुआ है, यदि लगा होता तो लोग ठगे जाने से बचते। हालांकि, मौके पर मौजूद नप कर्मी शशिकांत मिश्रा बताते हैं कि नई कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा सभी दुकानदारों को रेट की जानकारी दी गई है । साफ-सफाई के दावे खोखले, सड़क से घाट तक गंदगी श्मशान घाट पर स्वच्छता के तमाम दावों के बीच में स्थिति आज भी पहले की तरह ही है। घाट पर जाने वाले रास्ते में नाली का बहता पानी और उस में डुबकी लगाते आवारा पशु साफ दिखाई देते हैं। अंत्येष्टि के लिए पहुंचे लोगों के विश्राम के लिए जो जगह बनाई गई है वहां का न•ारा भी ऐसा लग रहा था जैसे महीनों से सफाई नहीं हुई हो। इसके साथ ही कोविड-19 के शवदाह शेड में भी पीपीई किट तथा दस्ताने आदि बिखरे हुए थे जो संक्रमण के दौरान में लोगों को भयाक्रांत करने के लिए का़फी हैं।

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श्मशान घाट पर शवदाह सामग्री बेचने वाले लोगों को उचित कीमत वसूलने की बात कही गई है। संक्रमण काल को ध्यान में रखते हुए साफ सफाई की व्यवस्था भी की जा रही है। हालांकि जो उपलब्ध संसाधन है वह बहुत ज्यादा नहीं हैं। ऐसे में लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा है। प्रेम स्वरूपम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद।

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