नचाप गांव में एक पखवारे में आठ लोगों की मौत से हड़कंप

बक्सर प्रखंड के नचाप गांव में तकरीबन एक पखवारे में कुल लोगों की मौत हो गई। ताबड़तोड़ एक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 05:27 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 05:27 PM (IST)
नचाप गांव में एक पखवारे में आठ लोगों की मौत से हड़कंप
नचाप गांव में एक पखवारे में आठ लोगों की मौत से हड़कंप

बक्सर : प्रखंड के नचाप गांव में तकरीबन एक पखवारे में कुल लोगों की मौत हो गई। ताबड़तोड़ एक के बाद एक हुई मौत की घटनाओं के पश्चात पूरे गांव में हड़कंप मचा है। नचाप गांव के युवा और सामाजिक कार्यकर्ता हर हालत में मौत की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लगायत प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगा रहे हैं।

यह बात दीगर है कि इस गांव में लगातार मौत की घटनाएं कैसे हुई इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा है लेकिन कोरोना संक्रमण काल में एक के बाद एक हुई मौत की घटनाओं ने सिर्फ गांव ही नहीं बल्कि इलाके में भी दहशत फैला दिया है। यहां जब भी मौत की घटनाएं हुई उसके दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा परिवार और संपर्क में आने वाले लोगों का कोविड-19 जांच कराई गई तो लगातार कोरोना पाजिटिव लोग मिले हैं, लेकिन इन आठ लोगों में कोरोना वायरस से मरने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं की गई है। लगातार हुई मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इस गांव में दो-तीन बार कोविड-19 जांच शिविर लगाया गया, जिनमें डेढ़ दर्जन से ज्यादा संक्रमित लोग मिल चुके हैं। फिलहाल गांव के लोग इन घटनाओं के बाद काफी सशंकित है।

युवाओं ने कराया अपने से सैनिटाइजेशन

नचाप गांव में लगातार आठ लोगों की मौत के बाद पूरे गांव में खलबली मच गई। ग्रामीण युवक इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों के यहां दौड़ लगाना शुरू कर दिए। लेकिन कोई उपाय नहीं निकला तो अंततोगत्वा ग्रामीण युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सैनिटाइजेशन का बीड़ा अपने से उठाया। बुधवार को आपसी सहयोग से पूरे गांव को सैनिटाइजेशन किया गया। ग्रामीण चाहते हैं कि अब यहां मौत का तांडव न हो। इस गांव के लोग अमन चैन की जिदगी जी सके इसके लिए ग्रामीण हर कार्य करने को लोग तैयार है।

पुत्र के दशकर्म के दिन हुई पिता की मौत

नचाप गांव निवासी रामयोगी यादव के पुत्र नंदलाल यादव की मौत ठीक पंद्रह दिन पहले हुई। लेकिन पुत्र के श्राद्धकर्म के दिन रामयोगी यादव की भी मौत हो जाती है। इस मौत की घटना ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। युवा नंदलाल यादव की मौत के बाद चर्चा हुई की पटना में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से इनकी मौत हुई हालांकि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई जबकि घटना के दूसरे दिन इनके घर में कई कोरोना पॉजिटिव भी मिले थे। इसके बाद इसी गांव के मुन्नी यादव के पुत्र ददन यादव (62 वर्ष) की मौत हो गई। इसके बाद उमेश यादव पिता राजगृही यादव, रामदयाल यादव पिता देवकी यादव, डॉक्टर सुभाष महतो पिता सेवक महतो, गौरव कुमार सिंह पिता राजकुमार सिंह और भोला महतो पिता सुमेश्वर महतो की मौत कि घटना के बाद न सिर्फ नचाप गांव बल्कि आस-पास के इलाकों में भय और दहशत का माहौल कायम हो गया है।

क्या कहते हैं ग्रामीण

गांव में लगातार हुई मौत की घटनाओं के बाद ग्रामीण संजय कुमार श्रीवास्तव अवधेश चौबे उमेश यादव निलेश राम हीरालाल सिंह राहुल कुमार सिंह और राज किशोर यादव सहित कई लोगों ने बताया कि एक पखवाड़े के अंदर ताबड़तोड़ आठ लोगों की मौत की घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मचा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लगाए प्रशासनिक अधिकारियों तक सुझाव लेकर गांव में स्वच्छता अभियान और सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है।

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नचाप गांव में लगातार आधा दर्जन से ऊपर लोगों की मौत हुई है, यह चिताजनक है। इन लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई इसकी पुष्टि नहीं हुई। ग्रामीणों के कहने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में कोविड-19 जांच शिविर लगाया जा रहा है और टीकाकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। ग्रामीणों को सैनिटाइजेशन के लिए सामग्री उपलब्ध करा दिया गया है।

डॉक्टर मितेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चौगाईं।

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