प्रभु श्रीराम की शोभा यात्रा से कमरपुर बना जनकपुर धाम

बक्सर 13वें सद्गुरुदेव पुण्य स्मृति महोत्सव पर प्रभु श्रीराम की निकली शोभायात्रा से आज सोमवार क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:22 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:22 PM (IST)
प्रभु श्रीराम की शोभा यात्रा से कमरपुर बना जनकपुर धाम
प्रभु श्रीराम की शोभा यात्रा से कमरपुर बना जनकपुर धाम

बक्सर : 13वें सद्गुरुदेव पुण्य स्मृति महोत्सव पर प्रभु श्रीराम की निकली शोभायात्रा से आज सोमवार को कमरपुर गांव जनकपुर धाम बना हुआ था। आज कमरपुर के हनुमतधाम में चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखियां की गूंज गलियों से उभरकर आ रही थी। दूसरी ओर, श्रीराम की बारात से पूर्व सिया जी की महिलाओं द्वारा हल्दी व मटकोड़ कि रस्में भी निभाई गईं, जो काफी मनोरम दृश्य था।

सोमवार को चले पूरे दिन के कार्यक्रम की पूर्वाह्न श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान आचार्य मनमोहन शरण जी महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि आत्मा और परमात्मा के मिलन को महारास कहते है और भागवत की महारास कथा मन के विकारों को निर्मल बनाती है। इस दौरान उन्होंने गोपी उद्धव के प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि उद्धव जी ज्ञानी बहुत बड़े थे पर प्रेम से दूर थे। उद्धव को प्रेम की परिभाषा समझाने के लिए ही भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव जी को मथुरा ब्रज की गोपियों के पास भेजा था। क्योंकि गोपियां साक्षात प्रेम की मूर्ति थी। गोपियों का आध्यात्मिक भाव बताते हुए कहा कि जो कृष्ण को अपने हृदय में बसा ले वही गोपी है। उन्होंने कहा कि जब गोपियों ने प्रेम-भंवर के गीत सुनाए तो उद्धव जी के ज्ञान के सामने गोपियों के प्रभु श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम रूपी तराजू का पलड़ा भारी पड़ गया और इससे प्रभावित होकर उद्धव जी गोपियों के प्रेम के गुलाम हो गए।

हल्दी की हुई रस्म अदायगी और निकली शोभायात्रा

हल्दी व मटकोड़ की रस्म अदायगी के दौरान मिथिलांचल की मैथिली भाषा में महिलाओं ने भइले मिथिला में शोर आज सिया लाडली के छैन मटकोड़., आनंद सगुन सुहाबन हरदी लगावन हे. तथा हरदिया बड़ी पातर हे. आदि मंगल गीतों को गाकर सिया जी की महिलाओं ने लोगों को भाव-विभोर कर दिया। इसके उपरांत प्रभु श्रीराम समेत चारों भाइयों के साथ बारात की शोभायात्रा निकाली गई। जहां इसकी एक झलक पाने को जगह-जगह घरों के आगे रंगोली बनाकर बच्चे, युवा, बूढ़े सभी पलक पांवड़े बिछाए उनकी राह निहार रहे थे। सबसे आगे साकेतवासी नारायणदास भक्तमाली अपाख्य मामा जी के चित्रपट के साथ उनके प्रथम शिष्य सह समिति के संस्थापक रामचरित्र दास जी महाराज पालकी पर विराजमान थे। प्रभु श्री राम की बारात जिधर से गुजर रही थी लोग पुष्प वर्षा भी कर रहे थे। इसके साक्षी को अन्यत्र जगहों से भी साधु-संत समाज पहुंचे हुए था। जिसमें मुख्य रूप से आचार्य नरहरि दास जी महाराज, श्रृंगारी जी, नमोनारायण, त्यागी जी समेत नीतीश, अनीश, कुंदन, राधा, अंकिता, पिटू, लाल जी, श्याम, बांके, नंदबिहारी, रविलाल आदि मौजूद थे। बिना गुरु कृपा के सद्गति असंभव : डॉ. सुरेश शास्त्री

जा.सं., बक्सर : नया बाजार में चल रहे श्री प्रिया प्रियतम मिलन महोत्सव के अंतिम दिन सोमवार को भागवत कथा में डॉ. सुरेश शास्त्री जी महाराज ने कहा कि बिना गुरु कृपा के सद्गति की प्राप्ति असम्भव है। मौके पर आश्रम के महंत राजा राम शरण जी महाराज ने बताया कि मंगलवार को साविधि पादुका पूजन एवं श्रद्धा सुमन अर्पण के साथ पूज्य मामा जी महाराज के निर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

इधर, भागवत कथा के समापन के अवसर पर डॉ. शास्त्री जी महाराज ने गुरू की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन में सद्गति की प्राप्ति हेतु गुरू कृपा आवश्यक है। जिस प्रकार से बिना केवट के नौका नदी के पार नही जा सकती, उसी तरह बिना गुरू मानव इस भवसागर को पार नही कर सकता। उन्होंने कहा कि गुरू करूणा का स्वरूप होता है। इस दौरान महाराज जी ने 24 प्रकार के गुरू की व्याख्या करते हुए कहा कि जो भी जीवन को प्रकाशमान व हमारे अंदर के दोषों का मार्जन करे, वही गुरू है। इसीलिए गुरू को भगवान से श्रेष्ठ माना जाता है। कार्यक्रम के दौरान अयोध्या के श्री मैथिलीरमण शरण जी महाराज, श्री रामकृपाल दास जी महाराज,जनक दुलारी शरण जी महाराज आदि मौजूद थे।

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