अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में जमा हुआ नाले का पानी

बक्सर ब्रह्मापुर के अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय के परिसर में नाला का पानी जमा है। ऐसे में अ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 05:16 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 05:16 PM (IST)
अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में जमा हुआ नाले का पानी
अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में जमा हुआ नाले का पानी

बक्सर : ब्रह्मापुर के अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय के परिसर में नाला का पानी जमा है। ऐसे में अगले सप्ताह स्कूल खोलने की अनुमति मिली भी तो यहां पठन-पाठन पर संशय की स्थिति बनी रहेगी। सालों भर गंदा पानी डंप होने के कारण छात्र-छात्राओं में संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना प्रबल हो गई है। आम दिनों में भी परिसर की गंदगी और दुर्गंध के बीच दो विद्यालयों के लगभग 400 छात्र एवं छात्राएं शिक्षा ग्रहण और मध्यान भोजन की खानापूर्ति करते हैं।

शिक्षकों की शिकायत के बाद भी आज तक किसी भी अधिकारी ने नरक बने विद्यालय की खोज खबर नहीं ली। दो कमरों वाले इस विद्यालय में नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों को भी शिफ्ट कर दिया गया है। ब्रह्मापुर के पश्चिम टोला स्थित अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय पूरे मोहल्ले के घरों से निकलने वाले नालियों के गंदे पानी का डंप बन गया है। उसी गंदगी में मध्यान भोजन का खाना कितना कुपोषण दूर करेगा? यह तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। उसी विद्यालय के परिसर में काशी दास बाबा का स्थान है,जो ग्रामीणों के पूज्य है। विद्यालय के किनारे पंचायत द्वारा एक नाला भी बनाया गया है। लेकिन उससे पानी निकलने का रास्ता नहीं है।

दो कमरे में चलते हैं दो विद्यालय

अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में पहले से मात्र दो कमरे हैं और दो पुराने कमरे जर्जर होकर बेकार हो गए हैं। इसी विद्यालय में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को भी अधिकारियों ने शिफ्ट कर दिया। दोनों ही विद्यालयों में लगभग 400 छात्र हैं और एक कमरे में दो से तीन कक्षाओं के छात्र धक्का-मुक्की कर बैठते हैं। एक पुराने कमरे में कार्यालय चलता है। दरवाजे पर मिट्टी भरकर नाली के पानी को रोका गया है। उसी गंदे पानी से होकर शिक्षक और छात्र आते जाते हैं।

शौचालय बेकार और बोरिग हुआ फेल

विद्यालय में बना एक मात्र शौचालय बेकार होकर संपूर्ण स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहा है। उसके दरवाजे भी टूट गया है और यह प्रयोग के लायक नहीं रहा। विधानसभा चुनाव के समय विद्यालय में एक समरसेबल बोरिग लगाया गया था। लेकिन घटिया काम के कारण वह बोरिग भी फेल हो गया। चापाकल तो पहले से ही बंद है। गर्मी के मौसम में पानी पीने के लिए छात्र छात्राओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पानी पीने के लिए वे अपने घर जाते हैं। इस विद्यालय की दुर्दशा शिक्षा व्यवस्था का आइना दिखा रहा है। विद्यालय में चहारदीवारी भी नहीं है।

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विद्यालय में गंदे पानी का जमाव और पेयजल की समस्या को लेकर प्रशासन के वरीय अधिकारियों से लेकर स्थानीय अधिकारियों के पास लिखित शिकायत की गई। किसी भी अधिकारी या प्रतिनिधि ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया और अब मैं भी थक कर बैठ गई हूं।

प्रेम शीला देवी, प्रभारी प्रधानाध्यापक, अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय, ब्रह्मपुर।

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