समष्टि भंडारा, पुष्प वाटिका और धनुष यज्ञ लीला आज, राम बारात कल

बक्सर नया बाजार स्थित श्री सीताराम विवाह महोत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित सिय-पिय मिलन महो

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 07:16 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 07:16 PM (IST)
समष्टि भंडारा, पुष्प वाटिका और धनुष यज्ञ लीला आज, राम बारात कल
समष्टि भंडारा, पुष्प वाटिका और धनुष यज्ञ लीला आज, राम बारात कल

बक्सर : नया बाजार स्थित श्री सीताराम विवाह महोत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित सिय-पिय मिलन महोत्सव रविवार को भी अपने पूरे परवान पर था। प्रतिदिन की तरह आज भी आयोजन स्थल पर विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों का तांता लगा रहा। इस दौरान आश्रम परिसर स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की गई। वहीं, श्रीरामचरितमानस का नवाह्न परायण पाठ लगातार जारी है। सीताराम नाम संकीर्तन व सत्संग आदि का कार्यक्रम भी समयानुकूल हो रहा है। परन्तु, श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ वृंदावन के स्वामी फतेहकृष्ण शर्मा के निर्देशन में राधाकृष्ण संस्थान द्वारा मंचित श्रीकृष्णलीला और दोपहर में आयोजित रामकथा के दौरान हो रही है।

सोमवार को महर्षि खाकी बाबा सरकार का सिय-पिय मिलन तिथि के उपलक्ष्य में गुरुदेव के प्रति श्रद्धाजंलि एवं समष्टि भंडारा के साथ ही प्रात: 9 बजे से पुष्प वाटिका लीला का मंचन होगा और रात्रि में धनुष यज्ञ। अगले दिन श्रीराम बारात की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। वहीं, 08 तारीख को राम विवाह कार्यक्रम है। इस कारण श्रीराम-जानकी विवाह की तैयारियां भी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है। इसके लिए अलग से एक भव्य मूविग स्टेज बनाया गया है। जिससे कि श्रद्धालु परिसर के किसी कोने से कार्यक्रम को देख सकें। आश्रम के महंत श्री राजाराम शरण महाराज ने बताया कि इस बार भी आश्रम के स्वयं सेवक वृंदावन वाले काका जी की देखरेख में विवाह मंडप को सजाने-संवारने का काम किया जाएगा।

देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी

महोत्सव कार्यक्रम में दूसरे शहर व प्रान्त से श्रद्धालुओं के आने का क्रम प्रतिदिन जारी है। जिसका अंदाजा पंडाल में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ व महाप्रसाद ग्रहण किए जाने वाले श्रद्धालुओं से हो रही है। जाहिर है कि साकेतवासी पूज्य संत श्रीनारायणदास जी भक्तमाली उपाख्य नेहनिधि मामाजी द्वारा स्थापित इस आयोजन की सुगंध देश के कोने-कोने तक फैलने से इस महत्वपूर्ण विवाह लीला में शामिल होकर उसका साक्षी बनने के लिए हर कोई लालायित रहता है। आश्रम के महंत श्री राजाराम शरण जी महाराज ने बताया कि बुधवार की रात में श्रीराम-जानकी का विवाह संपन्न होगा। जिसके बाद गुरुवार की प्रात: 9 बजे श्रीराम कथा और संध्या श्रीराम कलेवा के साथ महोत्सव को विश्राम दे दिया जाएगा।

महोत्सव का साक्षी बनने पहुंचे संत

सिय-पिय मिलन महोत्सव में आयोजित श्रीराम-जानकी के विवाह लीला का साक्षी बनने हेतु देश के कोने-कोने से आश्रम के शिष्यों के अलावा कई जगहों के साधु-संत समाज व भक्तों के आने का क्रम लगातार जारी है। इस दौरान मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र देवाचार्यजी महाराज आज पधार चुके हैं। जबकि, श्री लक्ष्मण किला, अयोध्या के श्री श्री अनन्त श्री सम्पन्न मैथली रमण शरण महाराज सोमवार को पधार रहे हैं। इसके अलावा कई संत-विद्वत व साधू-संत श्री राम और सीता की विवाह लीला में शिरकत कर रहे हैं।

..गोलकुंडा को नवाब न्योछावर विठ्ठलनाथ पे भयो

प्रात: रविवार को आयोजित श्रीकृष्णलीला के मंचन में दिखाया गया की दामा पंथ नामक व्यक्ति जो विठ्ठलनाथ भगवान का भक्त है। अपनी गरीबी के कारण एक नवाब के यहां नौकरी करता है। यह बात नवाब के एक मुसलमान संत्री को नहीं पचती है और खजाने की चोरी किए जाने की शिकायत वो नवाब से करता है। इस पर उसे फांसी की सजा मुकर्रर की जाती है। इस क्रम में आगे दिखाया जाता है कि भगवान विठ्ठलनाथ अपने भक्त दामा पंथ के नौकर बनकर नवाब के पास जाते हैं और उसके खजाने की भरपाई कर देते हैं। इस दौरान व्यागद्दी से नेहनिधि मामाजी की रचित पंक्ति - वेदर साही गोलकुंडा को नवाब न्योछावर विठ्ठलनाथ पे भयो. के पदगायन पर श्रद्धालु झूम उठते हैं।

दोनों है पुत्र अवध के है नाम राम लक्ष्मण

लीला जन्म एवं विश्वामित्र आगमन से अहल्योद्धार तक की लीला मंचन के बाद रविवार की रात रामलीला मंचन में प्रभु राम व लक्ष्मण को लेकर विश्वामित्र जनकपुर पहुंचते हैं। जहां विश्वामित्र का भव्य स्वागत होता है और ऋषि सहित राम व लक्ष्मण को उचित स्थान पर बैठाते हैं। मंचन क्रम में महाराजा जनक का प्रवेश होता है और वे राम एवं लक्ष्मण को देखकर मोहित हो जाते हैं। इस दौरान दोनों सुकुमारों का परिचय पूछते हैं। विश्वामित्र दोनों का परिचय देते हुए कहते हैं कि- दोनों है पुत्र अवध नृप के है नाम राम लक्ष्मण इनका, यह बली गुणी उत्साही है किस विधि से वर्णन हो इनका.। अगले दृश्य में दोनों भ्राता नगर भ्रमण की इच्छा से निकलते हैं.।

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