दुर्घटना नियंत्रण शिविर के नाम पर वाहनों से वसूली, प्रशासन अनजान
बक्सर नजारा औद्योगिक थाना क्षेत्र के दलसागर का है बक्सर-आरा मार्ग पर पुलिस इशारे कर वाह
बक्सर : नजारा औद्योगिक थाना क्षेत्र के दलसागर का है, बक्सर-आरा मार्ग पर पुलिस इशारे कर वाहन को रुकवा रही है, स्कॉर्पियो से आ रहे केके ओझा को भी रोका जाता है और उनके सामने एक रसीद बढ़ाई जाती है। पूछने पर पता चलता है कि दुर्घटना नियंत्रण शिविर के नाम पर सौ-सौ रुपये वाहनों से लेने का ऊपर से आदेश है। इसके लिए बकायदा रसीद भी दी जा रही है। हालांकि, इस तरह के किसी भी रसीद जारी किए जाने से परिवहन विभाग इंकार कर रहा है।
दरअसल, सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत एक तरफ जहां जिले भर में लोगों के प्रति जागरूक के जाने का अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ जिला प्रशासन के नाक के नीचे अवैध वसूली का एक बड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि किसी वाहन दुर्घटना नियंत्रण शिविर के नाम पर लोगों को रोककर उनसे जबरदस्ती 100 रुपयों की वसूली की जा रही है। यह कारनामा औद्योगिक थाना क्षेत्र के दलसागर में खुलेआम हो रहा है। आने-जाने वाले हर वाहन को रोककर उससे दो रेडियम स्टीकर चिपका दिए जा रहे हैं और प्रत्येक वाहन मालिक को 100 रुपये की एक रसीद थमा दी जा रही। रसीद पर रोड सड़क सुरक्षा प्रोग्राम के अंतर्गत वाहन दुर्घटना नियंत्रण शिविर लिखा हुआ है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर औद्योगिक थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार ने बताया कि सड़क सुरक्षा के अंतर्गत रिफ्लेक्टिव स्टीकर चिपकाने के लिए पैसे लिए जा रहे होंगे। नो एंट्री में वहां पुलिस खड़ी रहती है, उसी बीच ये लोग भी अपना काम करते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक बार डीएसपी ऑफिस से फोन आया था, लेकिन अब वह गंभीरता से इस मामले की जांच कराएंगे और यह पता करेंगे कि वसूली किसके कहने पर हो रही है। इस संदर्भ में पूछने पर सदर एसडीपीओ गोरख राम ने बताया कि सरकार के आदेश पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाना है, हालांकि वसूली के बाद यह राशि किस मद में जमा होती है, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए इस तरह के लोग स्टीकर लगाने के संदर्भ में ऊपर से सरकारी आदेश लेकर उनके पास आते हैं। इसके बाद उन्हें इसकी अनुमति दे दी जाती है।
डीटीओ ने जताई अनभिज्ञता
एसडीपीओ साहब के ऊपर के आदेश के बारे में जब जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक से पूछा गया तो उन्होंने इस विषय में किसी भी प्रकार की जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा की रिफ्लेक्टिव टेप लगाने का सरकारी दर 37 रुपये प्रति मीटर है। उसके लिए अधिकृत एजेंसी परिवहन विभाग के आदेश पर कार्य करती है।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता दयासागर पांडेय कहते हैं बिना किसी अनुमति के इस तरह की वसूली सरासर गलत है। परिवहन विभाग को ऐसे लोगों पर भारतीय दंड विधान की धारा 392 एवं 395 के तहत राहजनी का मामला दर्ज कराना चाहिए। इस संदर्भ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएन चौबे ने बताया कि राजग की सरकार में इस तरह की घटनाएं आम है। पूर्व में भी भ्रष्टाचार के ऐसे कई फर्जी वाले सामने आ चुके हैं।
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इस तरह का कोई आदेश मेरे स्तर नहीं दिया गया है। इस मामले की डीटीओ से जांच करायी जाएगी और अगर गलत तरीके से वसूली हो रही है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
अमन समीर, जिला पदाधिकारी, बक्सर।