सिमरी के निलंबित अंचलाधिकारी अनिल कुमार को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बक्सर कर्तव्यहीनता के आरोप में निलंबित सिमरी के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनिल कुमार को पुलि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:01 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:01 PM (IST)
सिमरी के निलंबित अंचलाधिकारी अनिल कुमार को पुलिस ने किया गिरफ्तार
सिमरी के निलंबित अंचलाधिकारी अनिल कुमार को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बक्सर : कर्तव्यहीनता के आरोप में निलंबित सिमरी के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनिल कुमार को पुलिस ने शनिवार की रात प्रखंड मुख्यालय से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनकी गिरफ्तारी अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत हुई थी। इसके अलावे भी स्थानीय थाने में उनके विरुद्ध कई अन्य मामले दर्ज हैं।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गत 19 अगस्त को बतौर सीओ के पद कर कार्यरत अनिल कुमार द्वारा दलित समुदाय से आने वाले प्रखंड कर्मी सोनू कुमार को पीट पीटकर जख्मी कर दिया गया था। पीड़ित कर्मी का दोष सिर्फ इतना ही था कि वह प्रखंड मुख्यालय स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में अंचलाधिकारी द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए आयोजित भोज कार्यक्रम का वीडियो बना रहा था और सीओ उनसे जूठे पत्तल फेंकने के लिए बोल रहे थे। इतने में गुस्साए सीओ ने सरेआम जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसकी जमकर पिटाई कर दी। उसके बाद प्रखंड कर्मी ने स्थानीय थाने में सीओ के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया था। घटना की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सिमरी पुलिस द्वारा एससी-एसटी एक्ट में सीओ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आधा दर्जन कांडों के अभियुक्त है सीओ अनिल कुमार

कोरोना संक्रमण काल के दौरान बड़का गांव में जमीन की मापी कराने के दौरा एक छात्रा के साथ मारपीट, सिमरी रामोपट्टी में बिल्डिग मटेरियल के दुकानदार गंगासागर पांडेय का मारपीट कर बांह तोड़ देने, बाढ़ में तिरपाल वितरण के दौरान महादलित समुदाय के एक व्यक्ति के साथ मारपीट सहित करीब आधा दर्जन मामले इनके खिलाफ थाने में दर्ज हैं। इनमें से अधिकांश मामले पुलिस अनुसंधान में सत्य पाए गए हैं। बीडीओ के वाहन पर हुए पथराव में भी अप्रत्यक्ष रूप से सामने आ रही भूमिका

तीन दिन पूर्व प्रखंड मुख्यालय में बीडीओ के वाहन पर हुए पथराव एवं सरकारी संचिका फाड़ने के लिए महिलाओं को अप्रत्यक्ष रूप से उकसाने में इनकी भूमिका सामने आने की बात कही जा रही है। बताया जाता है कि दूल्लहपुर गांव की दीपा देवी और कठार के लगभग एक दर्जन महिला पुरुष को जमीन आवंटन के लिए बीडीओ पर दबाव बनाने हेतु उकसाया गया था। प्रखंड मुख्यालय में घटना घटित होने के बाद वे न सिर्फ कठार गांव जाकर संबंधित महिला पुरुषों से मिले, बल्कि कई पुलिस पदाधिकारियों से भी संपर्क स्थापित किया। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। निलंबित होने के बाद भी सिमरी से नहीं छूट रहा था मोह

कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में विभाग द्वारा निलंबित करते हुए उन्हें पटना प्रमंडल में योगदान करने का निर्देश दिया गया था। वे योगदान कर भी लिए हैं, लेकिन सिमरी का मोह उन्हें योगदान स्थल पर रहने नहीं दे रहा था। रात में आरटीपीएस काउंटर स्थित आवास में रहना एवं सुबह में अपनी निजी कार से ग्रामीण राजनीति में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कराना उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया था। सूत्रों की माने तो कुछ लोगों को पंचायत चुनाव में मदद पहुंचाने के लिए वे अपने खास लोगों को उत्प्रेरित भी कर रहे थे। इसकी शिकायत कई प्रत्याशियों द्वारा निर्वाचन आयोग में भी की गई है।

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