लॉकडाउन के दौरान रोटी के लिए लोगों ने बदला व्यवसाय
बक्सर कोरोना महामारी को हुई लॉकडाउन के बाद कई छोटे-बड़े दुकानदारों के रोजगार
बक्सर : कोरोना महामारी को हुई लॉकडाउन के बाद कई छोटे-बड़े दुकानदारों के रोजगार बंद हो गए हैं। इससे उनके समक्ष आजीविका की समस्या उत्पन्न हो गई है। फलस्वरुप, छोटे दुकानदारों में कई ने अपने रोजगार-धंधे बदल लिए हैं। अधिकांश दुकानदारों ने सब्जी बेचना शुरू कर दिया है। करीब पच्चीस-तीस वर्षों से चौगाईं बाजार में रजाई-तोसक भराई करने वाले सरल मियां और नंदन गांव के पिटू चौधरी ने साग-सब्जी बेचना शुरू कर दिया है।
यहीं नहीं महामारी से पैदा हुए रोजी-रोटी के संकट से निपटने के लिए अन्य कई गरीबों ने भी अपना व्यवसाय बदल लिया है। फुटपाथ पर चाउमीन, चाट, चाय, समोसा तथा अंडा बेचने वाले लोग अब फल व सब्जी बेचने लगे हैं। इससे शहर से लगायत ग्रामीण इलाकों में फल व सब्जी बेचने वालों की संख्या बढ़ गई है। दर्जन भर लोग सड़कों पर मास्क, सैनिटाइजर और सब्जी व फल बेचने लगे हैं। इससे वह दिन भर में अपने खाने-पीने पर का जुगाड़ आसानी से कर ले रहे हैं। नतीजतन अब मोहल्लों व बा•ारों में फल व सब्जी वाले ठेले ज्यादा दिखाई देने लगे हैं।
भूखे रहने व हाथ फैलाने से अच्छा खुद कुछ करके कमाए
चौगाईं प्रखंड इलाके में ठेला पर घूम-घूमकर गोलगप्पा और चाट बेचने वाला तेजू ताबाही अब गांवों में ठेला पर सब्जी बेच रहे है। तेजू ने बताया कि लॉकडाउन के बाद खाने पीने की दिक्कत हुई तो उसने सब्जी का ठेला लगाना शुरू किया। उसने बताया कि अब शाम तक परिवार के खाने पीने भर की कमाई कर लेता है। इसी तरह कृष्णाब्रह्म थाना के टुंडीगंज बाजार में सैलून चलाने वाला मुन्ना ठाकुर अब साईकल पर गांव जवार में घूमकर सब्जी बेचना शुरू किया है। उसने बताया कि दिक्कत ज्यादा होने लगी थी। प्रशासन ने सब्जी बेचने की छूट दी थी इसलिए वह सुबह साइकिल से मंडी से सब्जी खरीद कर लाता है और इलाके में बेचता है। इसी प्रकार भुअर कमकर ने बताया कि पहले वह मजदूरी करता था। लेकिन लॉकडाउन के बाद अब उसने भी सब्जी की दुकान लगानी शुरू कर दी है।