स्टेशन पर जांच से भाग रहे यात्री, बस पड़ाव में व्यवस्था ही नहीं

दृश्य एक रेलवे स्टेशन समय रात्रि 210 बजे लोकमान्य तिलक राजेंद्र नगर टर्मिनल एक्सप्रेस प्लेट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 09:00 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:00 PM (IST)
स्टेशन पर जांच से भाग रहे यात्री, बस पड़ाव में व्यवस्था ही नहीं
स्टेशन पर जांच से भाग रहे यात्री, बस पड़ाव में व्यवस्था ही नहीं

दृश्य एक

रेलवे स्टेशन

समय: रात्रि 2:10 बजे लोकमान्य तिलक राजेंद्र नगर टर्मिनल एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या एक पर आई हुई है। मुख्य द्वार से जो यात्री आ रहे हैं उनकी कोविड जांच की जा रही है हालांकि, इसी दौरान पीछे के रास्ते से निकलते हुए कई परिवार देखे जा रहे हैं जो बिना जांच कराए जा रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद नहीं है। दृश्य दो: प्लेटफॉर्म के पोर्टिको में बनाए गए जांच काउंटर पर जांच किट एवं सदर अस्पताल की कुछ पर्चियां बिखरी हुई हैं। पास में ही डस्टबिन में पीपीई किट आधा अंदर आधा बाहर अवस्था में पड़ा हुआ है। यात्री डस्टबिन से टकराते हुए सामान लेकर आ जा रहे हैं। संक्रमण के फैलने की आशंका बलवती है ऑन ड्यूटी चिकित्सक बताते हैं कि, दोपहर के शिफ्ट में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने यह कार्य किया है। दृश्य 3 समय: सुबह 10:45 बजे लोकमान्य तिलक टर्मिनल गुवाहाटी एक्सप्रेस 05645 डाउन प्लेटफार्म संख्या एक पर पहुंची। यात्री मुख्य द्वार से होते हुए आगे की तरफ निकल रहे हैं। कुछ समय बाद ट्रेन प्रस्थान कर गई लेकिन, कुछ यात्री अभी भी प्लेटफार्म संख्या एक के पश्चिमी छोर पर बैठे हुए हैं। कुछ देर के बाद बैरिकेडिग हटाकर वह निकलते हुए नजर आते हैं। इन लोगों की ना तो जांच हो रही है और ना ही इन्हें कोई रोकने टोकने वाला है।

दृश्य-4,

स्थान: जय प्रकाश बस पड़ाव

समय: दोपहर 1:15 बजे कुछ समय पूर्व ही हावड़ा से आने वाली बस से उतरकर यात्री अपने घरों को गए हैं। मौके पर मौजूद बस ऑनर्स एसोसिएशन के ससचिव मुक्ति नारायण राय बैठे हुए हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि यहां संक्रमितों की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। सुबह हजारीबाग तथा रांची की तरफ से बसें आती हैं तथा दोपहर में हावड़ा से बस बक्सर पहुंचती है लेकिन, यहां पर कोरोना संक्रमण जांच की कोई अभी नहीं की गई है।

दृश्य पांच

समय: 1: 35 बजे एजेंट सोनू कुमार यात्रियों को टिकट देने के लिए बैठे हुए हैं। पहुंचने पर वह पूछ बैठते हैं कि कहां जाना है? उन्हें बताया जाता है कि हम यहां कोरोना संक्रमण जांच की स्थिति का अवलोकन करने आए हैं तो वह सीधे बिफर पड़ते हैं उनका कहना है कि दूरदराज से यात्री यहां पहुंचते हैं लेकिन बस पड़ाव पर संक्रमण जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पास में ही बैठे यात्री राजीव कुमार कहते हैं कि प्रशासन केवल लोगों को जागरूक करने की बात कहती है? लेकिन खुद वह कितने जागरूक है? यह साफ तौर पर देखा जा सकता है। कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में जागरूकता का प्रसार करने के लिए प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। स्थानीय भाषा में लोगों तक पहुंचाने के लिए शनिवार को जिला पदाधिकारी अमन समीर ने प्रचार वाहन को रवाना किया। रोको-टोको अभियान चलाकर प्रशासन लोगों को आगाह कर रहा है। राज्य सरकार के द्वारा भी दिशा-निर्देश जारी कर धार्मिक प्रतिष्ठानों तथा स्कूलों आदि को बंद करने का निर्देश जारी किया गया है। प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैदी से बाहर से आने वाले प्रवासी यात्रियों की जांच करने की बात कहते हैं। जिला पदाधिकारी के अनुसार महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की शत प्रतिशत तथा अन्य जगहों से आने वाले यात्रियों की जांच करनी है। हालांकि, डीएम का यह दावा मातहतों की लापरवाही की बदौलत धरातल पर कहीं भी सत्य प्रतीत होता नहीं दिखता। स्टेशन पर प्लेटफार्म के पश्चिमी छोर से यात्री आराम से निकलते देखे जा रहे हैं। बताया जाता है कि सुरक्षाकर्मी अधिकांश समय नदारद ही रहते हैं। इसके अतिरिक्त जो लोग स्टेशन पर जांच करने के लिए बैठे हैं उनके द्वारा लापरवाही का यह आलम है कि, जांच के बाद सर्जिकल आइटम्स को यूं ही बिखेर कर छोड़ दिया जाता है। जिससे कि संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। उधर, बस पड़ाव पर अब तक जांच की कोई व्यवस्था है ही नहीं।

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स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों की जांच हो रही है। अगर कोई व्यक्ति जांच कराने से भाग रहे हैं तो वह अपना और अपने स्वजनों का नुकसान कर रहे हैं क्योंकि, यदि उनमें कोरोना संक्रमण हुआ और उनसे जुड़ा कमजोर इम्यूनिटी का कोई व्यक्ति उनके संपर्क में आकर संक्रमित होता है तो ज्यादा संभावना है कि वह मृत्यु का शिकार हो जाए। ऐसे में हर व्यक्ति को जांच से भागने की नहीं बल्कि, जांच कराने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त अन्य जो भी कमियां है उसे और भी बेहतर कराने का कार्य किया जाएगा।

कृष्ण कुमार उपाध्याय, अनुमंडल पदाधिकारी, बक्सर।

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