बेमौसम की बारिश से प्याज की अनुबंध खेती को लगा झटका
बक्सर डुमरांव के डेढ़ सौ किसानों ने पहली बार इस साल अनुबंध पर प्याज की खेती की। पहले ता
बक्सर : डुमरांव के डेढ़ सौ किसानों ने पहली बार इस साल अनुबंध पर प्याज की खेती की। पहले ताउते और फिर यास तूफान के कारण हुई बारिश से उनकी खेती चौपट हो गई। रही-सही कसर समय से पहले हुई मानसून की बारिश ने पूरी कर दी। प्याज की पूरी फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान सरकार से मदद की आस लगा रहे हैं।
बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास कार्यक्रम के तहत डुमरांव फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के अधीन विभिन्न गांवों के डेढ़ सौ किसानों द्वारा 51 हेक्टेयर में प्याज की वृहद पैमाने पर खेती की गई थी। इसमें मुंगासी, करूअज, कुंदरिया, रजडीहा, कसियां, बसौली, अटॉव आदि गांव के किसान शामिल हैं। बृहद पैमाने पर की गई प्याज की खेती के बाद उत्पादित प्याज के रखरखाव के लिए रजडीहा गांव में भंडारण केंद्र भी बनाया जा रहा है। ताकि, उत्पादित प्याज का समुचित रखरखाव किया जा सके। समय से पहले बारिश ने पूरी तरह तबाह कर दिया है। प्याज से लागत खर्च भी निकालना मुश्किल
स्थानीय प्रखंड में वृहद पैमाने पर की गई प्याज की खेती से किसानों को लागत खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है। खेतों में जलजमाव तथा तैयार प्याज के पानी में डूब जाने से सड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। वैसे भी प्याज को कच्चा फसल माना जाता है। अब मुनाफा तो दूर किसानों को लागत खर्च का लाले पड़े हैं। पहले वर्ष में ही कांटेक्ट खेती ने दिया धोखा
किसानों का आमदनी बढ़ाने के लिए बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास कार्यक्रम के तहत शुरू हुए कांटक्ट खेती मैं किसान और सरकार के बीच की अहम कड़ी डुमरांव फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड है। कंपनी को सस्ते दर पर बीज के अलावे फसल को रोग से बचाव के लिए इलाज में सहयोग, उत्पादित फसल का भंडारण और किसानों को अच्छी आमदनी मुहैया कराना कंपनी की जिम्मेदारी थी। पहली बार शुरू हुए कॉन्टैक्ट खेती से किसानों को काफी उम्मीद थी। बाकी बचे किसान भी इस प्रयोग पर नजर रख रहे थे। हालांकि, समय पूर्व हुई बारिश ने प्रयोग को झटका दिया। किसानों का कहना है कि अनुबंध पर खेती का उनका अनुभव अच्छा रहा और बीज से लेकर खाद तक के लिए भागदौड़ नहीं करना पड़ा। अगर, असमय बारिश नहीं होती तो अच्छा मुनाफा भी होता।
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लगातार हुई बरसात से कांटेक्ट खेती के तहत किए गए प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को लागत खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। खेती करने वाले किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए उद्यान विभाग से मुआवजे की मांग की गई है।
पुतुल पांडे, सचिव, डुमरांव फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड।