बक्सर में प्रतिदिन बनेगा एक लाख लीटर इथनॉल, लगेगी दो इकाई
बक्सर बक्सर के नावानगर में इथनाल की दो इकाई लगाई जाएंगी जिनसे प्रति दिन एक लाख लीटर इथनाल
बक्सर : बक्सर के नावानगर में इथनाल की दो इकाई लगाई जाएंगी, जिनसे प्रति दिन एक लाख लीटर इथनाल का उत्पादन होगा। बियाडा ने नावानगर में बासुदेवा फार्म के समीप इथनाल की इकाई लगाने के लिए बीस एकड़ जमीन अधिसूचित कर दी है। यहां मक्का और चावल के टूटे दाने से इथनाल बनाए जाएंगे। इसके लिए उत्पादक कंपनियों को 90 साल के लिए जमीन लीज पर दी जाएगी। कई कंपनियों ने यहां इथनॉल की इकाई लगाने में रुचि दिखाई है इसी सप्ताह इसके लिए कंपनियों के बीच बोली लगने वाली है। अगले साल के अंत तक यहां उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
उत्पाद अधीक्षक देवेन्द्र प्रसाद ने बताया कि नावानगर में 20 एकड़ जमीन पर इकाई लगाने से संबंधित पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। बक्सर में स्थापित होने वाली इकाई मक्का और चावल पर आधारित होगी। जिले में दोनों की बंपर पैदावार होती है। इथनाल इकाई लगने से इन फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों को इसका लाभ होगा। हाल ही में सरकार ने पारंपरिक फसलों से इथनाल के उत्पादन की अनुमति दी है। प्रस्तावित स्थल राष्ट्रीय राजमार्ग-120 के किनारे है और पांच किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 गुजर रहा है। बेहतर सड़क संपर्क को देखते हुए इस जगह का चयन किया गया है। अभी बिहार में गन्ना उत्पादक जिलों में चीनी मिल के साथ इथनाल की इकाई भी चल रही है। एक आंकड़े के अनुसार सूबे में लगभग दस करोड़ लीटर इथनाल का उत्पादन हो रहा है, जिन्हें पेट्रोलियम कंपनियां सीधे खरीद रहीं हैं। दरअसल, अभी पेट्रोलियम कंपनियां इंधन में दस प्रतिशत इथनाल का मिश्रण कर रहीं हैं। देश में ही इथनाल के बनने के कारण पेट्रोल में मिश्रण से विदेशी मुद्रा की वचत होती है। सरकार ने 2023 तक ईधन में इथनाल का मिश्रण को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अगले दो सालों में इसके उत्पादन को दोगुना से भी ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है। 200 करोड़ से ज्यादा का निवेश, दो हजार परिवार को मिलेगी रोजी-रोटी
इथनाल उत्पादन की एक इकाई लगाने में सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आता है। ऐसे में माना जा रहा है कि बक्सर में दोनों इकाइयों पर दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होगा और दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। केंद्र और राज्य सरकार की नई नीति में इथनाल उत्पादन जीरो रिस्क निवेश बन गया है। सौै फीसदी इथेनाल को पेट्रोलियम कंपनियां ले रहीं है इसलिए कई कंपनियां इसमें रुचि दिखा रहीं हैं।