अब लोगों को परिवार नियोजन का संदेश देगा जागरूकता रथ

बक्सर अब लोगों को परिवार नियोजन का संदेश जागरूकता रथ देगा। जिले में परिवार नियोजन को बढ़

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 10:06 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 10:06 PM (IST)
अब लोगों को परिवार नियोजन का संदेश देगा जागरूकता रथ
अब लोगों को परिवार नियोजन का संदेश देगा जागरूकता रथ

बक्सर : अब लोगों को परिवार नियोजन का संदेश जागरूकता रथ देगा। जिले में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए मिशन परिवार विकास अभियान के तहत गुरुवार को जागरूकता रथ रवाना किया गया। प्रभारी सिविल सर्जन सह सीडीओ डॉ. नरेश कुमार ने सदर अस्पताल से हरी झंडी दिखा कर जागरूकता रथ रूपी सभी ई-रिक्शा को रवाना किया। इस दौरान प्रभारी सीएस ने कहा कि परिवार नियोजन की जरूरत के प्रति दंपतियों को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता रथ परिवार नियोजन के जनसंदेश को लेकर लोगों के बीच जाएंगे। अभियान के केंद्र में नव विवाहित तथा एक संतान वाले दंपति विशेष रूप से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों में भी जागरूकता रथ को रवाना किया गया है। आरोग्य दिवस पर भी लोगों को परिवार नियोजन की जानकारी मिलेगी। डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि फिलवक्त जिले में चार ई-रिक्शा खोले गए हैं। जो गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। इसके लिए ई-रिक्शा को बैनर पोस्टर से पाट दिया गया है। साथ ही, जिगलिग और माइकिग के जरिए ऑडियो संदेश प्रसारित किया जाएगा। साथ ही, परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिले के सभी प्रखण्डों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आरोग्य दिवस के दिन बुधवार और शुक्रवार को जागरूरुकता रथ के माध्यम से ई माइकिग की जाएगी। इसके अलावा वार्ड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा जागरूकता रैली भी निकाली जा रही है। परिवार नियोजन से स्वस्थ रहते मां एवं बच्चे प्रभारी सिविल सर्जन ने बताया कि परिवार नियोजन से माता व बच्चे अधिक स्वस्थ होते हैं, क्योंकि इससे जोखिम वाले गर्भों की रोकथाम की जा सकती है। गर्भनिरोधक साधनों का इस्तेमाल अवांछित गर्भ के डर को रोकता है। उन्होंने कहा पुरुष नसबंदी को लेकर कई मिथक हैं। सही जानकारी प्राप्त कर इस मिथकों को तोड़ना चाहिए। नवदंपति को जानना जरूरी है कि पहली संतान विवाह के कितने दिनों बाद हो तथा दो संतानों के बीच तीन साल का अंतराल क्यों आवश्यक है। इसकी जानकारी हर दंपति को होनी चाहिए।

पहले व दूसरे बच्चे में तीन साल का अंतराल जरूरी अभी समाज में ऐसी मान्यता है कि परिवार नियोजन का मतलब महिला बंध्याकरण या पुरुष नसबंदी का ऑपरेशन कराना है। लेकिन परिवार नियोजन का अर्थ सिर्फ इतना बस नहीं बल्कि इसका अर्थ सही मायने में सही समय में शादी, सही समय में गर्भ धारण और सही अंतराल के बाद बच्चा पैदा करने से है। हमारे समाज में अभी 17 से 18 साल में लड़की की शादी हो जाती है और वो 20 वर्ष की उम्र में हो मां बन जाती है। इसके बाद करीब 25 वर्ष की कि उम्र में वो परिवार नियोजन के बारे में सोचती हैं। ऐसे लोगों की सही तरीके से कॉउंसलिग कर उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे प्रेरित (मोटिवेट) करना है।

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