अब पहला टीका लेने के 84 दिन बाद मिलेगा कोविशील्ड का दूसरा डोज
बक्सर कोरोना वायरस व संक्रमण के खिलाफ जिले के सभी प्रखंडों में टीकाकरण अभियान चल रहा
बक्सर : कोरोना वायरस व संक्रमण के खिलाफ जिले के सभी प्रखंडों में टीकाकरण अभियान चल रहा है। गुरुवार तक जिले के 1 लाख 24 हजार 272 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी थी। वहीं, 31 हजार 385 लाभार्थियों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है। इनमें 18 से 44 वर्ष तक के 6142 लाभार्थी को भी पहला डोज देकर टीकाकृत किया गया।
दूसरी ओर, टीकाकरण को लेकर परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय व राज्य सरकार के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने फिर से नई गाइड लाइन जारी की है। जिसके तहत टीके का पहला डोज लेने वालों के लिए दूसरे डोज का अंतराल बढ़ा दिया गया है। नई गाइड लाइन्स के अनुसार टीके के दोनों डोज की बीच की अवधि बढ़ाई गई है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया जिले में सभी लाभार्थियों को कोविशील्ड की वैक्सीन दी जा रही है। इसके लिए सरकार के निर्देशानुसार पहले डोज के 84 से 112 दिन (12 से 16 सप्ताह) के बीच दूसरा डोज दिया जाएगा। हालांकि, जिन लोगों ने अन्यत्र स्थानों से को-वैक्सीन का टीका लिया है, वो पूर्व की भांति 4 सप्ताह के बाद ही दूसरा डोज लेंगे।
सरकार की गाइडलाइन से अवगत हैं एमओआइसी
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि टीकाकरण को लेकर सरकार की ओर से जो भी नई गाइड लाइन्स आई हैं, उनसे सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआइसी) व टीकाकरण सत्र के संचालकों को अवगत कराया जा चुका है। जिसके आधार पर अब सत्रों का संचालन किया जाएगा। डीआइओ ने बताया कि कई लोग कोरोना टीका का पहला डोज ले लेने के बाद दूसरा डोज समय पर नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस प्रकार की अनदेखी कर रहे हैं, वो ऐसा न करें।
दूसरा डोज नहीं लिया तो नहीं विकसित होगी एंटीबॉडी
डीआइओ डॉ. सिंह ने बताया कि जिस केंद्र पर कोरोना टीका का पहला डोज लेंगे। निर्धारित तिथि पर आकर जरूर दूसरा डोज अवश्य ले लें। अगर कोई कोरोना टीका का दूसरा डोज नहीं लेता है, तो उसके शरीर के अंदर एंटीबॉडीज विकसित नहीं होगी। इसलिए अगर कोरोना की चपेट से पूरी तरह से बचना है तो समय पर कोरोना टीका का दूसरा डोज अवश्य लें। दूसरा डोज नहीं लेने की लापरवाही भूल से भी नहीं करें। डीआइओ ने बताया कि कोरोना टीका का दोनों डोज ले लेने के बाद भी सावधानी जरूरी है। ऐसा नहीं कि किसी ने कोरोना का टीका ले लिया, तो वे पूरी तरह से सुरक्षित हो गए।