बक्सर में पार्किग की व्यवस्था नहीं, सड़क पर लगती हैं गाड़ियां
बक्सर। शहर की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। शहर में रेस्टोरेंट शापिग मॉल बैंक आदि तेजी से खुल रहे हैं। उस हिसाब से शहर की बुनियादी व्यवस्था में बदलाव नहीं हो रहा है। शहर में बढ़ते वाहनों के बीच पूरे शहर में एक भी घोषित पार्किंग जोन नहीं है।
बक्सर। शहर की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। शहर में रेस्टोरेंट, शापिग मॉल, बैंक आदि तेजी से खुल रहे हैं। उस हिसाब से शहर की बुनियादी व्यवस्था में बदलाव नहीं हो रहा है। शहर में बढ़ते वाहनों के बीच पूरे शहर में एक भी घोषित पार्किंग जोन नहीं है। नतीजा, रोज शहर जाम से कराहता है।
पीपरपांती रोड शहर का वाणिज्यिक क्षेत्र माना जाता है। माडल थाना से लेकर सारिमपुर पुल तक इस मार्ग पर कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। लगभग तीन किलोमीटर लंबे मार्ग पर कहीं भी पार्किंग जोन नहीं है। रामरेखा घाट और ठठेरी बाजार मोड़ पर मुख्य बाजार में तो किसी भी सड़क पर फुटपाथ तक नजर नहीं आता। ऐसे में न तो पैदल चलने वालों को राहत है और न ही बाजार में वाहन लेकर पहुंचे लोगों को। सड़क के किनारे जो सरकारी जगह छोड़ी गई है, उसे दुकानदारों ने अपने कब्जे में ले लिया है। ऐसे में लोग मजबूरी में सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं। अनुमंडल प्रशासन तथा नगर परिषद पिछले दिनों अतिक्रमण हटाने का अभियान चला रहा था। इस अभियान से लोगों ने राहत की सांस ली थी। तब कम से कम दो पहिया वाहन लगाने के लिए सड़क किनारे जगह मिलने लगी थी। अभियान बंद होते फिर से खाली जगह पर अतिक्रमण हो गया। सड़क पर गाड़ी खड़ी करने पर देना पड़ता है फाइन
पार्किंग के अभाव में नागरिकों को दोहरा संकट झेलना पड़ता है। पीपी रोड में इलेक्ट्रानिक की दुकान चलाने वाले उमेश सिंह ने बताया कि खरीदार यहां गाड़ी लगाकर किसी दुकान में कुछ सामान खरीदने जाता है। इसी बीच ट्रैफिक पुलिस आ गई तो फाइन देना पड़ता है। कई बार इसे लेकर पुलिस व वाहन चालकों में विवाद हो जाता है। नागरिकों का कहना है कि पार्किंग नहीं है तो वे गाड़ी सड़क पर ही लगाएंगे। कहते हैं नागरिक
व्यवसायी अजय मानसिह कहते हैं कि एक तो शहर में कहीं पार्किंग नहीं है और जो खाली जगह है उस पर अतिक्रमण कर लिया गया है। ऐसे में गाड़ी लेकर निकलना शहर में मुश्किल है।
पीपरपांती रोड निवासी स्नेहाशीष बताते हैं कि पीपी रोड पर पुरानी कचहरी कैंपस में पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। इसके साथ ही जो लोग नगर के बाहर ही गाड़ी पार्क करना चाहते हैं उनके लिए इस तरह की व्यवस्था पुराना बस स्टैंड में हो सकती है।
रितेश कुमार वर्मा कहते हैं कि नगर में सड़क के दोनों किनारे अतिक्रमण कर लिया गया है। चारपहिया वाहन के बाजार में आते लंबा जाम लग जाता है। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सोनू कुमार कहते हैं कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी अतिक्रमण हटाने में बाधक है। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने व फुटपाथों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की जो पहल चल रही थी वह अगर चलती रहती तो काफी हद तक पार्किंग की समस्या कम होती।