सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीद की राह में रोड़े नहीं हुए दूर

बक्सर स्थानीय प्रखंड में सरकारी स्तर पर किसानों के खेत से उत्पादित गेहूं खरीद अभी तक शुरू

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:08 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:08 PM (IST)
सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीद की राह में रोड़े नहीं हुए दूर
सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीद की राह में रोड़े नहीं हुए दूर

बक्सर : स्थानीय प्रखंड में सरकारी स्तर पर किसानों के खेत से उत्पादित गेहूं खरीद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। नियम नियमावली की प्रक्रिया को पूरा करने तथा गेहूं खरीद के लिए सरकारी स्तर पर सीसी लिमिट की राशि निर्गत नहीं होने से गेहूं की खरीद शुरू नहीं हो पा रही है। यह लगातार तीसरा साल है जब किसानों के खेत से उत्पादित गेहूं की सरकारी स्तर पर खरीद में दिक्कत आई है। उधर सरकारी स्तर पर खरीद शुरू नहीं होने से बाजार में गेहूं औने-पौने दाम पर बिक रहा है। इस चलते किसान को उत्पादित गेहूं का उचित मूल्य मिलना मुश्किल हो गया है। किसान गेहूं बेचने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। किसानों का कहना है कि बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीद शुरू करने में अड़चन उत्पन्न किया जा रहा है। यही वजह है कि डुमरांव में गेहूं की खरीद अभी तक कहीं भी शुरू नहीं हो पाई है।

डुमरांव प्रखंड में गेहूं खरीद का निर्धारित लक्ष्य 32 हजार क्विटल है। सभी 16 पैक्सों को करीब दो हजार क्विंटल गेहूं की खरीद करनी है। व्यापार मंडल की गेहूं की खरीद करेगा। स्थानीय प्रखंड पिछले कई दफे से लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की खरीद नहीं कर पाया है। इस बार भी बिछड़ने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।

बैंक का पैक्स के साथ नहीं हुआ है एग्रीमेंट

गेहूं खरीद की राह में कई रोड़े मौजूद हैं। सबसे पहला यह की गेहूं खरीद के लिए सरकार द्वारा पैक्स अध्यक्षों को राशि निर्गत नहीं की गई है। सीसी लिमिट की राशि नहीं मिलने से गेहूं खरीद की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सका है। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया बैंक का पैक्स के साथ एग्रीमेंट का होना जरूरी होता है। अभी तक कॉपरेटिव बैंक का किसी पैक्स के साथ एग्रीमेंट ही नहीं हो पाया है। इस चलते भी गेहूं खरीद की कार्रवाई करनी शुरू हो पाई है।

औने-पौने दाम पर गेहूं बेचने को मजबूर है किसान

सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीद नहीं होने से किसानों ने पौने मूल्य पर गेहूं बेच रहे हैं। सरकारी स्तर पर गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपया प्रति क्विंटल है। लेकिन बाजार में गेहूं प्रति क्विटल पंद्रह सौ रुपए के भाव पर बिक रहा है। सरकारी स्तर पर खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं होने का भरपूर लाभ साहूकार उठाने को तैयार हैं। चलते किसान साहूकारों का हाथ शोषण का शिकार हो रहे है।

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गेहूं खरीद की प्रक्रिया को बड़ी तेजी से पूरा किया जा रहा है। अभी तक बैंक का पैक्स के साथ एग्रीमेंट नहीं हो पाया है। सीसी लिमिट की राशि भी प्राप्त नहीं हुई है। इस चलते गेहूं की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। कोशिश है कि इस हफ्ते गेहूं की खरीद शुरू कर दी जाए।

इम्तियाज करीम , प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, डुमरांव।

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