लापरवाही बरती तो गांव में होने लगी मौत, जागरूक हुए तो शून्य हुआ संक्रमण

बक्सर कहते हैं हौसला मत हार गिरकर ऐ मुसाफिर ठोकरें इंसान को चलना सिखाती है। स्थानी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 05:39 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 05:39 PM (IST)
लापरवाही बरती तो गांव में होने लगी मौत, जागरूक हुए तो शून्य हुआ संक्रमण
लापरवाही बरती तो गांव में होने लगी मौत, जागरूक हुए तो शून्य हुआ संक्रमण

बक्सर : कहते हैं हौसला मत हार गिरकर ऐ मुसाफिर, ठोकरें इंसान को चलना सिखाती है। स्थानीय प्रखंड के नचाप गांव में फिलहाल कोरोना संक्रमण का एक भी एक्टिव केस नहीं है। इसके पीछे गांव के लोगों की सावधानी और सतर्कता मुख्य कारण है। इस गांव में लगातार कई लोगों की मौत और कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार हुई वृद्धि के बाद न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे, बल्कि पूरे इलाके में खलबली मच गई।

गांव के सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों के प्रयास से लगातार कई बार यहां स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया और पूरे गांव में सैनिटाइजेशन के साथ ही पंचायत के माध्यम से मास्क वितरण भी किया गया। ठीक एक पखवाड़े बाद आज उसी नचाप गांव में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले नहीं है। फिलहाल इस गांव के लोग बेवजह घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। वायरल फीवर, सर्दी और खांसी होने पर जांच कराने में परहेज नहीं कर रहे हैं। बाहर से आने जाने वाले लोगों पर पैनी नजर रख रहे हैं, नतीजतन गांव में कोरोना संक्रमण की चेन टूट रहा है।

डेढ़ सौ लोगों की जांच में नहीं मिले एक भी पॉजिटिव

एक सप्ताह पूर्व स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा प्रखंड क्षेत्र के नचाप गांव स्थित मध्य विद्यालय परिसर में जांच शिविर आयोजित कर गांव में रहने वाले तकरीबन डेढ़ सौ लोगों का कोविड-19 जांच कराया गया। स्वास्थ्य विभाग और ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत की बात यह रही कि इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर जांच में हिस्सा लिया, लेकिन एक भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं निकला। यहां स्वास्थ्य विभाग टीम और चिकित्सकों द्वारा ग्रामीणों को सतर्कता और सावधानी बरतने के लिए समय-समय पर सुझाव दिया गया। यहां के लोगों ने इसका पालन किया तो परिणाम सबके सामने हैं।

लगातार हो रही मौत से सहमा था गांव

कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी के दौरान किसी एक गांव में अचानक मृत्युदर में वृद्धि हो जाए तो स्वास्थ्य विभाग सहित आस-पास के इलाके में हड़कंप मचना स्वाभाविक बात है। यही नचाप गांव में हुआ एक माह के अंतराल में यहां कुल ग्यारह लोगों की मौत हो जाती है, जिसमें पिता और पुत्र की मौत कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से हुई और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी पुष्टि की गई। जबकि बाकी लोगों की मौत वायरल फीवर या अन्य बीमारी से होने की बात सामने आई थी।

--कहते हैं ग्रामीण

: गांव के युवा और सामाजिक कार्यकर्ताओं में अवधेश चौबे, राहुल सिंह, नीलेश राय, उमेश यादव और संजय श्रीवास्तव ने बताया कि गांव में अचानक कई लोगों की मौत के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि के बाद परेशानी बढ़ गई। सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते स्वास्थ्य विभाग की टीम से लगातार संपर्क कर गांव में सैनिटाइजेशन के साथ ही या शिविर आयोजित कराया गया। इसमें गांव के सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिला। फिलहाल यहां के लोग राहत की सांस ले रहे हैं।

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए सुझाव पर गांव के लोग एहतियात और सावधानी बरत रहे हैं, इससे गांव में एक्टिव केस अब लगभग शून्य है। दूसरे गांव के लोगों को भी इनसे प्रेरणा लेनी

डॉ मितेन्द्र कुमार सिंह, (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी चौगाईं)

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