दरोगा बन जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं ने लहराया खाकी का परचम

बक्सर बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में परचम लहराने के बाद जिले की मेधा ने दरोगा परीक्ष्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:09 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:09 PM (IST)
दरोगा बन जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं ने लहराया खाकी का परचम
दरोगा बन जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं ने लहराया खाकी का परचम

बक्सर : बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में परचम लहराने के बाद जिले की मेधा ने दरोगा परीक्षा में भी शानदार सफलता हासिल की है। जिले से आधा दर्जन से ज्यादा मेधावियों ने दरोगा परीक्षा की मेरिट लिस्ट में अपना स्थान बनाया है। इनमें बेटियों की संख्या भी अच्छी है। वहीं, जिले की एक बहू ने भी खाकी बर्दी पहनने की पात्रता हासिल की है। . सिपाही से दारोगा बनी किसान की बेटी

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जागरण संवाददाता, बक्सर: सदर प्रखंड के छोटकी बसौली गांव के रहने वाले किसान देवेंद्र यादव तथा आंगनबाड़ी सेविका कमला देवी की पुत्री प्रिया कुमारी ने सिपाही से दरोगा का सफर तय किया है। वर्ष 2017 से जेल पुलिस में बतौर सिपाही नौकरी कर रही प्रिया परीक्षा में सफल हुई। उनके चाचा प्रियरंजन यादव ने बताया कि प्रिया बचपन से ही प्रतिभावान है। मैट्रिक इंटरमीडिएट स्नातक तथा स्नातकोत्तर में वह लगातार प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होती रही है। वर्ष 2017 में वह जेल पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुई लेकिन, उसके सपने बहुत ऊंचे थे। ऐसे में उसने तैयारी जारी रखी और अंतत: उसने परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए दारोगा का पद प्राप्त कर लिया। प्रिया छोटी बहन बीएमपी में है। . घर की जिम्मेदारी संभालते हुए बक्सर की बहू बनी दरोगा

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जासं, बक्सर: जिले की बेटियों के साथ बहुओं ने भी सदैव जिले का मान बढ़ाया है। ऐसी ही एक बहू ने अपने पहले ही प्रयास में दारोगा की परीक्षा पास की। सदर प्रखंड के गोपाल नगर चकिया के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशीष कुमार सिंह की पत्नी अनिता देवी ने घर परिवार को संभालते हुए पुलिस सेवा में जाने का अपना सपना पूरा किया। अनिता देवी अपने पति के साथ दिल्ली में रहती हैं। वह अपने 6 वर्षीय बच्चे का बेहतर तरीके से पालन-पोषण करने के साथ-साथ घरेलू जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए परीक्षा की तैयारी में जुटी रही। उनकी इस सफलता पर न सिर्फ घरवालों बल्कि ग्रामीणों में भी हर्ष का माहौल है। पीएचसी में अनुसेवक की बेटी बनी दरोगा

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संस, नावानगर(बक्सर) : नावानगर की रहने वाली खुशबू कुमारी वर्ष 2018 से बिहार पुलिस में बतौर सिपाही नौकरी कर रही है और नौकरी करते हुए उन्होंने तैयारी की और दरोगा की परीक्षा में सफलता हासिल की। इनकी सफलता पर बधाई का तांता लगा हुआ है। खूश्बू कुमारी की माता सुशीला देवी गृहणी हैं, जबकि पिता घनश्याम प्रसाद नावानगर पीएसी मे अनुसेवक के पद पर हैं। खूश्बू कुमारी मैट्रिक और इंटर उच्च विद्यालय नावानगर से पास की, वहीं डुमरांव से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। उनका शुरू से ही दरोगा बनने का सपना था। अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने माता-पिता और गुरुजन को दिया। . नचाप में किसान का पुत्र बना दारोगा

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जासं, चौगाईं (बक्सर) : प्रखंड के नचाप गांव निवासी राकेश कुमार सिंह का चयन दारोगा पद पर हुआ है। उनके चयन से गांव में हर्ष है। राकेश ने सफलता का श्रेय अपनी माता माया देवी, किसान पिता नंदकिशोर सिंह और बड़े भाई रोहित सिंह को दिया। गांव में रहकर प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाला राकेश लाखनडिहरा हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास कर महाराजा कालेज आरा से स्नातक किया। उसने शुरु से ही पुलिस अधिकारी बनने की ठान ली थी, नतीजा सबके सामने हैं। राकेश भविष्य में बीपीएससी की परीक्षा तैयारी में भी जुटे हैं। कहते हैं, इस परीक्षा में सफज होने से उनका उत्साह बढ़ा है। . किसान की बेटी माला ने दारोगा बन किया नाम रौशन

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संस, कृष्णाब्रह्म(बक्सर) : प्रखंड क्षेत्र के कठार गांव में किसान की बेटी ने दारोगा बन जिले के साथ साथ परिवार का नाम भी रौशन कर दिया। सत्येन्द्र नरायन सिंह की बड़ी पुत्री माला की प्राम्भिक पढ़ाई कठार गांव में शुरू हुई। कठार गांव से ही इंटर करने के बाद बीए की पढ़ाई उन्होंने कामर्स कालेज पटना से की। पटना में रहते हुए उन्होंने परीक्षा की भी तैयारी शुरू कर दी। पहली बार बिहार पुलिस दारोगा भर्ती की परीक्षा में शामिल हुईं और सफल हुईं। माला ने बताया कि उनकी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय पिता व माता सुमन देवी के साथ चाचा ठाकुर मनोज सिंह का है, जिन्होंने हमेशा उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया। ब्रह्मपुर के स्वतंत्रता सेनानी का नाती बना दरोगा

संस, ब्रह्मपुर : यहां के स्वतंत्रता सेनानी का नाती अनिल कुमार पांडे ने बिहार पुलिस में दरोगा बनकर परिवार तथा गांव का नाम रोशन किया है। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में उसे सफलता मिली है। ब्रह्मपुर के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय सुरेश पांडे का नाती तथा शिव गोपाल पांडे के पुत्र अनिल कुमार पांडे वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय,आरा से एमएससी करने के बाद प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा आयोजित दारोगा की परीक्षा में अनिल कुमार पांडे ने पहले प्रयास में ही सफलता प्राप्त कर ली। . खरवनिया के यशवीर ने हासिल कि दरोगा परीक्षा में सफला

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संस, केसठ(बक्सर) : केसठ के खरवनिया गांव निवासी किसान कमलेश सिंह का पुत्र यशवीर सिंह ने बिहार दारोगा के पद पर चयनित होकर गांव एवं अपने माता-पिता का गौरान्वित किया है. पिता गांव में ही रहकर खेतीबारी करते है. और माता मीरा देवी गृहिणी है. यशवीर तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटा है. वह बचपन से ही पढाई के दौरान मन में ठान लिया था कि हम पुलिस प्रशासन बनकर समाज व देश की सेवा करेंगे। यशवीर ने प्राथमिक शिक्षा गांव में और इंटर तथा स्नातक डुमरांव से की। यशवीर ने इस कामयाबी का श्रेय माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों को दी। . पूर्व उपप्रमुख का पुत्र ने पहले प्रयास में हासिल की सफलता

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संस, चौसा (बक्सर) : चौसा का उमेश गोंड का दरोगा में चयन होने की खबर गांव में जैसे फैली मुहल्ले व गांव के लोगों में ़खुशी का माहौल बन गया। उसके घर बधाई देने की भीड़ लग गई। इससे पहले वे रेलवे की चतुर्थ श्रेणी की परीक्षा में सफल हो चुके थे। पिता दिनेंश गोंड और दादा हरिहर गोंड मजदूरी करते थे। मां उर्मिला देवी पूर्व उप प्रमुख रह चुकी हैं। उमेश ने कहा लक्ष्य बना लग्न से मेहनत करने पर सफलता आपके कदम चूमेगी। अपनी सफलता का श्रेय उमेश ने अपने दादा हरिहर गोंड व मा उर्मिला देवी को दिया। उमेश के चार भाई व एक बहन है। तीसरा भाई ओमप्रकाश इंडियन नेवी में है।

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