महामंडलेश्वर शीलनाथ महाराज बने आदिनाथ अखाड़ा के नए महंत

बक्सर सिद्धनाथ आश्रम बक्सर स्थित श्रीनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर परम् पूज्य त्रिलोकीनाथ बाबा के ब्रह्मलीन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 05:10 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 05:10 PM (IST)
महामंडलेश्वर शीलनाथ महाराज बने आदिनाथ अखाड़ा के नए महंत
महामंडलेश्वर शीलनाथ महाराज बने आदिनाथ अखाड़ा के नए महंत

बक्सर : सिद्धनाथ आश्रम बक्सर स्थित श्रीनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर परम् पूज्य त्रिलोकीनाथ बाबा के ब्रह्मलीन होने के बाद शनिवार को पूरे विधि विधान के साथ उनके कृपापात्र श्री शीलनाथ बाबा को नाथ सम्प्रदाय के महंत की गद्दी पर आसीन करा दिया गया। दरअसल श्रीनाथ परम्परा के अनुसार पीठाधीश्वर की गद्दी तीन दिन से अधिक खाली नहीं रखा जा सकता। इसको देखते हुए नाथ सम्प्रदाय के सन्तों की मौजूदगी में परम्परा का निर्वहन करते हुए महंत की गद्दी पर श्री शीलनाथ जी को बैठाया गया।

बताते चलें कि श्रीनाथ सम्प्रदाय के पीठाधीश्वर सह देश के विभिन्न स्थानों पर मौजूद नाथ सम्प्रदाय के छह आश्रमों के महंत श्री त्रिलोकीनाथ बाबा ने 88 वर्ष की उम्र में विगत 18 अप्रैल को हरिद्वार स्थित आश्रम में समाधिस्थ होते हुए ब्रह्मलीन हो गए थे। 19 अप्रैल को बाबा गोरक्षनाथ सम्प्रदाय के हजारों महात्मा और साधु संतों की मौजूदगी में विधिवत समाधि दी गई थी। सनातन धर्म की परम्परा के अनुसार समाधि दिए जाने के 12वें दिन शुक्रवार को हरिद्वार स्थित आश्रम में विशाल भंडारा का आयोजन किया गया था। हालांकि, कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए भंडारा के आयोजकों द्वारा महज सौ से डेढ़ सौ के करीब संत महात्मा के शामिल होने की अपील की गई थी। बावजूद इसके इस भंडारा में देश के कोने-कोने से पहुंचे श्री नाथ सम्प्रदाय के करीब 1200 से अधिक संत महात्मा शामिल हुए और भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर पहुंचे सन्तों ने बताया कि नाथ परम्परा के अनुसार पीठाधीश्वर के ब्रह्मलीन होने के बाद गद्दी खाली नहीं रखी जाती और अधिकतम तीन दिनों के अंदर किसी न किसी को गद्दी पर बैठाना अनिवार्य होता है, जबकि यहां 12 दिन बीत चुके हैं। लिहाजा भंडारा से पहले गद्दी देने की परंपरा का निर्वाह करते हुए सर्व सम्मति से योगिराज श्री त्रिलोकीनाथ बाबा के परम कृपापात्र महामंडलेश्वर बाबा शीलनाथ को अगला उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया। नाथ परम्परा के नियमों के तहत विधिवत पूजा पाठ और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शीलनाथ बाबा को श्रीनाथ अखाड़ा की गद्दी पर बैठाने की रस्म पूरी की गई। इसके साथ ही श्रीनाथ सम्प्रदाय के देश में मौजूद बक्सर, हरिद्वार, त्रयम्बकेश्वर, दिल्ली, उज्जैन और अलवर स्थित सभी छह आश्रमों का उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

इसकी जानकारी देते श्री नाथ बाबा के शिष्य रामेश्वरनाथ राय ने बताया कि 30 अप्रैल को हरिद्वार में आयोजित भंडारा के बाद निर्वाण के 40वें दिन 28 मई को बक्सर स्थित श्री नाथ मंदिर पर कोविड नियमों का पूरी तरह अनुपालन करते हुए विशाल भंडारा का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा एक साल बाद विधिवत चादरपोशी की रस्म पूरी की जाएगी।

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