करवा चौथ कल : चांद के सामने महिलाएं करेंगी पति का दीदार
बक्सर कार्तिक मास शुरू है और इसकी चतुर्थी तिथि को करवा चौथ त्योहार मनाने की परंपरा रह
बक्सर : कार्तिक मास शुरू है और इसकी चतुर्थी तिथि को करवा चौथ त्योहार मनाने की परंपरा रही है, जो बुधवार को है। पर्व में सुहागिन महिलाएं अपने पति के अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखेंगी। वहीं, शाम में चांद को अर्घ्य देकर पति का दीदार करेंगी।
करवा चौथ त्योहार को लेकर बाजार भी पूरी तरह से इसके रंग-ढंग में ढल गया है। जगह-जगह मनलुभावन आकर्षक डिजाइनों में चलनी दुकानदारों द्वारा बिक्री की जा रही है। इसके अलावा मिट्टी के तथा शक्कर से बने करवा और इस व्रत से सम्बन्धित पुस्तकों की भी बिक्री हो रही है। सौंदर्य प्रसाधन के दुकानों पर भी सोमवार को महिलाएं जमी हुई थीं। इस बाबत ठठेरी बाजार स्थित कारोबारी सोनू जायसवाल व दिनेश जायसवाल तथा यमुना चौक स्थित दुकानदार प्रणेश ने बताया कि विभिन्न डिजाइनों में चलनी 40 रुपए से लेकर 80 रुपए प्रति पीस के भाव में बिक्री की जा रही है। उसने बताया कि बिक्री पर कोरोना वायरस का कोई असर नहीं है। कई लोग तो डिजाइन पसंद आने से घर में अन्य उपयोग के लिए भी चलनी की खरीद कर रहे हैं।
चंद्रोदय रात 8 बजकर 12 मिनट पर
इस दिन व्रती महिलाओं को चन्द्र दर्शन करने की ललक अधिक रहती है। दरअसल, इस दौरान चन्द्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात जीवनसाथी के हाथों जल ग्रहण कर ही व्रत को पूरा करती हैं। हालांकि पिछले दो दिनों से आसमान में बादल भी मंडरा रहे है। इस कारण लोगों में यह संशय भी बना हुआ है कि पता नहीं चांद के दर्शन हो-न-हो। वैसे वाराणसी पंचांग के अनुसार बुधवार को चंद्रोदय रात 8 बजकर 12 मिनट पर होगा।
बुधवार को सम्पूर्ण चतुर्थी तिथि
करवा चौथ में तिथि को लेकर इस बार कोई संशय नहीं है। इस बाबत पंडित रंगबासित जी महाराज ने बताया कि चतुर्थी तिथि का आगमन बुधवार कि तड़के 3 बजकर 24 मिनट पर ही हो जा रहा है। जो अगले दिन गुरुवार को 5 बजकर 14 मिनट तक रह रही है। वहीं, बताया कि शाम को 5 बजकर 34 मिनट से शाम 6 बजकर 52 मिनट तक करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शुभ है। साथ ही, इस पर्व में व्रतियों से सफेद वस्तुओं का दान भूल कर भी नहीं करने को कहा है।