ज्योति पर्व : संस्कृति की पौध सींचने का त्योहार है दीपावली

बक्सर दीप ज्योति पर्व पर आज गरुवार की शाम खूब धूम-धड़का होगा। पटाखों के शोर में माहौल ड

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 03 Nov 2021 08:43 PM (IST)
ज्योति पर्व : संस्कृति की पौध सींचने का त्योहार है दीपावली
ज्योति पर्व : संस्कृति की पौध सींचने का त्योहार है दीपावली

बक्सर : दीप ज्योति पर्व पर आज गरुवार की शाम खूब धूम-धड़का होगा। पटाखों के शोर में माहौल डूबेगा और रंग-बिरंगी रौशनी से हर घर नहाएगा। हालांकि, संस्कृति की पौध सींचने के इस त्योहार पर छोड़े जाने वाले पटाखे वातावरण को तो प्रदूषित करते ही हैं इससे ध्वनि प्रदूषण भी कम नहीं होता। चिकित्सक इन्हें दमा व दिल के रोगियों के लिए तकलीफदेह बताते हैं। पटाखों के साथ पर्यावरण में जिक, कोडियम, मैगनीशियम आदि जहरीले पदार्थ इस बार भी खूब घुलेंगे।

चिकित्सकों के मुताबिक ये पर्यावरण में घुल कर हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं। दूसरी तरफ इन विस्फोटक पदार्थों की ध्वनि कई बार साठ डेसीबल से भी ज्यादा होती है, जो हमारे कान के सुनने की क्षमता से बहुत अधिक होती है और कानों को नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में इनसे बचकर रहना ही श्रेयस्कर होगा। पात्रता, लगन, स्नेह और प्रकाश का समन्वय दीप कहते हैं पात्रता, लगन, स्नेह और प्रकाश का समन्वय होता है दीप। इस पर्व पर झिलमिलाती दीपों की रोशनी आंखों को काफी सुहाती है। इस पर्व पर घी या सरसों तेल से दीपों को जलाने की परंपरा है। इन दीपों की गंध वातावरण को तो शुद्ध बनाती ही है। कहा जाता है कि इनकी रोशनी में कीट-पतंगों का भी सर्वनाश हो जाता है। यह बात और है कि दीपों को जलाने की यह परंपरा अब महंगाई के दौर में सिमटने लगी है। कहते हैं चिकित्सक व समाजसेवीप्रसिद्ध चिकित्सक डा.अनिल सिंह कहते हैं कि पटाखों का शोर दिल के मरीजों के लिए बेहद घातक साबित होता है। प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डा.महेन्द्र प्रसाद कहते हैं कि हर साल दीपावली पर पटाखों की वजह से हादसे होते हैं। उनके मुताबिक यह दीप-ज्योति का पर्व है और परंपरा के नाम पर हवा में जहर घोलना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं हैं। समाजसेवी राकेश सिन्हा कहते हैं कि यह विडंबना है दीपावली पर लक्ष्मी का आवाहन करते हैं और पटाखे के रूप में लक्ष्मी को ही जलाते हैं। हालांकि, यह परंपरा से जुड़ा है, इसलिए पूरी तरह इसकी अनदेखी भी नहीं कर सकते, लेकिन कम धुआं उत्सर्जन करने वाले पटाखे ही छोड़े जाने चाहिए।

chat bot
आपका साथी