कवलदह पोखर के बहुरेंगे दिन, डीएम ने किया निरीक्षण
बक्सर शहर के प्रवेशद्वार पर स्थित कमलदह तालाब कभी जिले की शान हुआ करता था। एक समय था
बक्सर : शहर के प्रवेशद्वार पर स्थित कमलदह तालाब कभी जिले की शान हुआ करता था। एक समय था जब यहां शाम में शहर के लोग सुकून के दो पल बिताने के लिए आते थे। बच्चों के साथ बोटिग का मजा लेते थे और वहां सैर-सपाटा करते थे। आज स्थिति यह है कि यह तालाब दुर्दशा का शिकार हो गया है। हालांकि, दैनिक जागरण ने जब तालाब की दुर्दशा पर खबर प्रकाशित की तो प्रशासन की नींद टूटी और जिलाधिकारी अमन कुमार ने उप विकास आयुक्त योगेश सागर एवं एवं सदर एसडीओ के साथ तालाब का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डीएम के निरीक्षण के उपरांत तालाब के दिन बहुरने की उम्मीदें जग गई हैं। शहर के प्रबुद्धजनों ने इसे डीएम का सकारात्मक कदम करार दिया है और कहा है कि अब तालाब के पुराने दिन एक बार फिर लौट सकते हैं। बहरहाल, यह देखने वाली बात होगी क्या यह तालाब अपने पुराने दिनों में लोट पाएगा, क्या वहां फिर से लोग बोटिग का मजा ले पाएंगे। इस संबंध में जिलाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। हालांकि, इससे लोगों में यह उम्मीद जरूर जग गई है कि तालाब पुराने दिनों में लौट आएगा। तालाब के पुराने दिनों को याद कर बक्सर पब्लिक स्कूल के निदेशक निर्मल कुमार सिंह कहते हैं, तब की बात ही कुछ और थी। पूरा शहर वहां शाम में उमड़ पड़ता था। लोग अपने बाल बच्चों के साथ बोटिग का मजा लेते और खूब आनंद उपभोग करते थे। वर्तमान में तालाब की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। उसका पानी दुर्गंध दे रहा है। इससे वहां टहलने के लिए जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ृता है।
तालाब की बंदोबस्ती ने बिगाड़ा स्वरूप
बताया जाता है कि मछली पालन के लिए उक्त तालाब की बंदोबस्ती कर दी गई है। ऐसे में तालाब से पानी निकलने के लिए बनी नाली को बंद कर दिया गया है। नाली के बंद हो जाने से उसका पानी स्थिर सा हो गया है। नतीजा यह हो रहा है वह पानी दुर्गंध दे रहा है और उससे वहां का वातावरण दूषित हो गया है। अब प्रशासनिक अधिकारियों ने जब उस पर संज्ञान लिया है तो देखने वाली बात होगी कि कब तक स्थिति में बदलाव होता है।