वन विभाग ने नहीं दिखाई रुचि तो ग्रामीणों ने खुद उठाया कदम

बक्सर बंदरों के आतंक से परेशान राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर के ग्रामीणों ने अब अपनी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 09:41 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 09:41 PM (IST)
वन विभाग ने नहीं दिखाई रुचि तो ग्रामीणों ने खुद उठाया कदम
वन विभाग ने नहीं दिखाई रुचि तो ग्रामीणों ने खुद उठाया कदम

बक्सर : बंदरों के आतंक से परेशान राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर के ग्रामीणों ने अब अपनी समस्या से खुद निजात पाने की ठानी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से बंदर पकड़ने वाले बहेलिया को बुलाया है। अब तक लगभग चालीस बन्दरों को पकड़ कर उन्हें बांस के पिजड़े में कैद किया गया है। काम समाप्त करने के बाद बंदरों को रिहायशी क्षेत्र से दूर कहीं छोड़ने की योजना बनाई गई है। विगत कई वर्षाें से क्षेत्र में बंदरों ने काफी उत्पात मचा रखा था। इस संबंध में राम प्रकाश राय उर्फ राजा राय ने बताया कि गांव में गरीब गुरबों की संख्या ज्यादा होने से उनके पास अपने खाद्य पदार्थ को सुरक्षित रखने की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आए दिन बंदर उनके घरों से भोजन सामग्री से लेकर तैयार भोजन तक उठा ले जाते हैं, या फिर बर्बाद कर देते हैं। बंदरों के आतंक की वजह से कई दिन उन्हें भूखे भी सोना पड़ जाता है। अब इधर बन्दर खेत मे लगी सब्जी की फसल भी बर्बाद करने लगे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने कई दफा वन विभाग को भी सूचना देकर राहत दिलाने की मांग की। वन विभाग द्वारा इसमें कोई रूचि नहीं लिए जाने के बाद आखिरकार परेशान ग्रामीणों ने आजमगढ़ से बंदर पकड़ने वाले बहेलिया मेहंदी को बुलाया। उसने क्षेत्र को बंदर मुक्त बनाने के लिए एक हजार रुपए में कार्य पूरा करने का जिम्मा लिया है। ग्रामीणों ने बताया कि दो माह पूर्व 12 अगस्त को क्षेत्रीय वन विभाग को आवेदन दिया गया था। लंबे समय बाद भी वन विभाग आवेदन की प्रति उदासीन बनी रही। अंत में थक हार कर ग्रामीणों ने अपनी समस्या स्वयं ही सुलझाने का निर्णय लेते हुए उत्तर प्रदेश से बहेलिया को बुलाया। बंदरों के उत्पात महज राजपुर की ही नहीं बल्कि जिला मुख्यालय के निवासी भी उतने ही परेशान हैं।

-गांव में कैसे बढ़ा बंदरों का उत्पात

वर्ष 2012 में न्यायालय परिसर में बंदरों की संख्या काफी बढ़ने के साथ ही लोगों की परेशानियां बढ़ गई थी। तब बंदरों ने अधिवक्ता प्रभाकर पांडेय का कान काट कर जिस्म से अलग कर दिया था। महीनों वाराणसी में उपचार के बाद जान बची थी। तब तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय से घटना की शिकायत भी की थी। वन विभाग को बक्सर न्यायालय परिसर को बंदर मुक्त करने के निर्देश के बाद पटना से आई वन विभाग की टीम ने बंदरों को पकड़ने के बाद रामपुर ले जाकर छोड़ दिया था। यहां की समस्या तो समाप्त नहीं हुई पर, रामपुर में बंदरों का उत्पात बढ़ गया। -आए दिन न्यायालय परिसर में होती है घटनाएं

इस बीच बक्सर न्यायालय परिसर में बंदरों का उत्पात काफी बढ़ गया है। शुक्रवार को एक नाबालिग किशोर सुनील बिद को बंदर ने काट लिया था। वह अपने मुकदमे के सम्बंध में किसी कार्य से न्यायालय पहुचा था। उसे आनन-फानन में अधिवक्ता शिव शंकर सिंह ने अपने बाइक से उपचार के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। इससे पूर्व अधिवक्ता नवीन श्रीवास्तव को एक बंदर ने काट लिया था, जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को लीगल नोटिस भी दी थी। पर, वन विभाग ने नोटिस पर कोई संज्ञान तक नहीं लिया।

chat bot
आपका साथी