बड़े औद्योगिक घराने की गिरफ्तारी का रात भर चला हाई वोल्टेज ड्रामा

बक्सर बक्सर के बड़े औद्योगिक घराने गजेंद्र इंडस्ट्रीज के मालिक की गिरफ्तारी के लिए बुधवार

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 09:37 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 09:37 PM (IST)
बड़े औद्योगिक घराने की गिरफ्तारी का रात भर चला हाई वोल्टेज ड्रामा
बड़े औद्योगिक घराने की गिरफ्तारी का रात भर चला हाई वोल्टेज ड्रामा

बक्सर : बक्सर के बड़े औद्योगिक घराने गजेंद्र इंडस्ट्रीज के मालिक की गिरफ्तारी के लिए बुधवार की रात से ही बक्सर में कैमूर जिले की पुलिस का हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। पूरी रात कैमूर पुलिस गजेंद्र औद्योगिक समूह के मालिक निमित अखौरी के आवास के बाहर घेरा डाले खड़ी रही। पुलिस कैमूर जिले के दुर्गावती में हुए ढाई करोड़ के गबन का आरोप लगाया जा रही थी। शुक्रवार की सुबह औद्योगिक घराने के वकील ने पुलिस से जैसे ही गिरफ्तारी या सर्च वारंट की मांग की तो पुलिस बगलें झांकने लगी और फ्रेश होने का बहाना बनाकर भाग खड़ी हुई। इस दौरान औद्योगिक थाना की पुलिस बेवजह हलकान होती रही।

औद्योगिक थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि बुधवार देर शाम कैमूर के दुर्गावती थाना की पुलिस ने आकर वहां हुए ढाई करोड़ के गबन मामले में गजेंद्र ह्यूम पाइप इंडस्ट्री के मालिक निमित अखौरी की गिरफ्तारी के लिए सहयोग मांगा। कैमूर जिले की पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस पदाधिकारी और बल को भेज दिया गया। तब निमित्त अखौरी के आवास का गेट बंद था, जिसे खुलवाने की कोशिश की गई, पर घरवालों ने रात में गेट खोलने से मना करते हुए सुबह आठ बजे के बाद गेट खोले जाने की जानकारी दी। इस दौरान कैमूर पुलिस के साथ औद्योगिक थाना पुलिस भी पूरी रात घर को घेरे खड़ी रही। शुक्रवार की सुबह नौ बजे के बाद जब उनके वकील आए तब दरवाजा खुला। वकील के गिरफ्तारी या सर्च वारंट की मांग करते ही कैमूर पुलिस ने चुप्पी साध ली। वकील द्वारा वैध कागजातों की मांग करते ही फ्रेश होने के बहाने बनाते हुए कैमूर पुलिस वहां से धीरे से खिसक गई, जबकि उनके आने का औद्योगिक थाना पुलिस घंटो इंतजार करते बाहर खड़ी परेशान होती रही। थनाध्यक्ष ने बताया कि बगैर वैध कागजात दिखाए वे खुद भी अपने थाना क्षेत्र के किसी व्यक्ति को दूसरे जिला पुलिस को लेकर जाने की इजाजत नहीं दे सकते थे। बगैर महिला पुलिस के ही छापेमारी को आई थी कैमूर पुलिस

निमित अखौरी की पत्नी सान्द्रा सिन्हा ने बताया कि उनके पति बुधवार की सुबह से ही वाराणसी गए हैं और घर में वे अकेली थीं। इसके अलावा पुलिस के साथ कोई महिला पुलिस नहीं थी, लिहाजा उन्होंने रात में दरवाजा खोलना उचित नहीं समझते हुए इंकार कर दिया और सुबह आठ बजे के बाद पुलिस को बुलाया था। क्या है पूरा मामला

गजेंद्र औद्योगिक समूह के अधिवक्ता राजीव राय ने बताया कि जिस मामले को लेकर कैमूर पुलिस यहां उनके मुवक्किल को गिरफ्तार करने पहुंची थी, उस मामले में न तो कहीं उनका नाम शामिल है और न कोई संलिप्तता है। मामला दुर्गावती में गाजियाबाद निवासी दिनेश अग्रवाल और वाराणसी निवासी दीनदयाल गुप्ता की साझेदारी में चल रही काशी कंक्रीट नामक कम्पनी में हिस्सेदारी के विवाद का है। जिसमें दीनदयाल गुप्ता ने दिनेश अग्रवाल पर साझेदारी के बीच धोखाघड़ी करने का आरोप लगाया है। इस मामले में स्थानीय एसपी द्वारा मध्यस्थता कर दिनेश अग्रवाल को मुआवजा के रूप में भुगतान करने का दीनदयाल को निर्देशित किया गया था। इसके बाद विवाद सिर्फ भुगतान के तरीके को लेकर है। कम्पनी में समान की आपूर्ति के लिए उनके मुव्वकिल गजेंद्र इंडस्ट्री के मालिक निमित अखौरी से वाहन देने का करार भर था। इसके अलावा उनलोगों से निमित अखौरी का कहीं कोई लेना देना नहीं था। केस सुपरविजन में कैमूर एसपी द्वारा निमित अखौरी का नाम जैसे ही अप्राथमिकी अभियुक्त के रूप में जोड़ा गया कि उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए कैमूर सिविल कोर्ट में आवेदन दे दिया। कोर्ट द्वारा अब तक कई बार दुर्गावती पुलिस से केस डायरी की मांग की गई, पर पुलिस द्वारा अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया और बिना किसी आधार के ही गिरफ्तारी को बक्सर पहुंच गई।

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