वेतन को स्वास्थ्य कर्मियों ने किया सीएस का घेराव

बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ राज्य शाखा के निर्णय के अनुसार सोमवार को संघ की जिला इकाई द्वारा वेतन को लेकर सिविल सर्जन डॉ.किरण कुमार लाल का घेराव किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 05:19 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 05:19 PM (IST)
वेतन को स्वास्थ्य कर्मियों ने किया सीएस का घेराव
वेतन को स्वास्थ्य कर्मियों ने किया सीएस का घेराव

बक्सर। बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ राज्य शाखा के निर्णय के अनुसार सोमवार को संघ की जिला इकाई द्वारा वेतन को लेकर सिविल सर्जन डॉ.किरण कुमार लाल का घेराव किया गया और विरोध जताया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने न केवल वहां प्रदर्शन किया अपितु, कार्य का भी बहिष्कार किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्मियों ने नारा दिया वेतन नहीं तो काम नहीं। प्रदर्शन का नेतृत्व राज्याध्यक्ष अरुण कुमार ओझा एवं जिला मंत्री आनंद कुमार ¨सह ने किया। प्रदर्शन के दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि गत वित्तीय वर्ष से लेकर अब तक कर्मचारियों खासकर शीर्ष 2211 स्वास्थ्य उपकेन्द्र, 2210 न्यूनतम, 2210 पांच पद एवं शीर्घ 2211 प्रखंड में आवंटन के अभाव में वेतन न मिलने के कारण भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य कमेटी के निर्णयानुसार जब तक वेतन भुगतान नहीं होता है, जब तक कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इस दौरान उपस्थिति दर्ज कर कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया। वक्ताओं ने कहा कि विभाग में कार्यरत आशा एवं महादलित परिवार की ममता को भी समय से प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। संविदा कर्मियों का सेवा विस्तार नहीं होने के कारण उनका भी वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। वक्ताओं ने कहा कि दवा की कालाबाजारी के खिलाफ गठित एसआईटी टीम के द्वारा 14 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, जिसमें 75 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इनमें 35 जेल गए ओर 5 बेल पर हैं। सरकार द्वारा इन दोषियों को शीघ्र सजा दिलाने के बजाय जांच की दिशा मोड़ने के लिए निर्दोष फार्मासिस्टों के स्थानांतरण की साजिश रची जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि इस परिस्थिति में राज्य कार्यकारिणी की निर्णय के अनुसार वेतन नहीं तो काम नहीं के अनुरूप हाजिरी बनाकर कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। सभा की अध्यक्षता अरुण कुमार ओझा ने की। मौके पर लालाबाबू राम, विनोद कुमार श्रीवास्तव, नित्यानंद ओझा समेत अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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