सहमति और असहमति में झूलती रही कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन

बक्सर नगर परिषद अब तक ठोस कचरा निस्तारण के लिए जमीन की तलाश नही कर पाई है। उसने क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:02 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:02 PM (IST)
सहमति और असहमति में झूलती रही कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन
सहमति और असहमति में झूलती रही कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन

बक्सर : नगर परिषद अब तक ठोस कचरा निस्तारण के लिए जमीन की तलाश नही कर पाई है। उसने काफी संजीदगी से पांच साल पूर्व जमीन तलाशने के कार्य शुरू किया। तब से प्रयास जारी रहा, लेकिन उसे जमीन नही मिली। जो मिली उस पर एनजीटी और राज्य पॉल्यूशन बोर्ड की सहमति नही बन पाई। इस वजह से कचरा निस्तारण सफाई कर्मियों के लिए गम्भीर समस्या बन चुकी है। कूड़ा उठाने वाली एजेंसी से लेकर नगर परिषद के सफाई कर्मी तक कई बार कचरा निस्तारण मामले में हाथ भी खड़े कर चुके हैं। हर बार उन्हें महज अस्थाई विकल्प दे कर शांत कर दिया जाता है। नाम न बताने के शर्त पर एक सफाई कर्मी ने बताया की, हम लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है। कचरा उठाव से लेकर निस्तारण तक में आम जनों से कई बार झड़प हो चुकी है। इसकी शिकायत करने पर पदाधिकारी कहते हैं कि, जब तक चलता है, चलने दो। उसने बताया कि, कहीं भी कचरा डंप करने पर लोगों का विरोध झेलना पड़ता है। नप बोर्ड से 2016 में ही मिल चुकी है,हरी झंडी कचरा निस्तारण के लिए भूमि हर हाल में तलाश करने के लिए नगर परिषद बोर्ड के की भी मंजूरी 2016 में ही मिल चुकी है। नप उपाध्यक्ष इंद्र प्रताप सिंह ने बताया की, कचरा डंपिग यार्ड बनाने के लिए पाच एकड़ भूमि की जरूरत है। इस पर तीन बार निविदा निकाली गई। कोई भी अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हुआ। जो जमीन मिली वह एनजीटी की मानकों पर खरा नही उतरा। इस वजह से अब तक भूमि खरीद पर सहमति नहीं बन पाई। इसकी सूचना जिलाधिकारी समेत नगर आवास विकास विभाग को दी गई है। वहां से अब तक कोई उपयुक्त है सुझाव नहीं आया है। हालांकि, जिलाधिकारी अमन समीर भी अपने स्तर से भूमि तलाश करने में जुटे हुए है। बोले लोग नगर परिषद ने अब तक कचरा डंपिग यार्ड के लिए जमीन की तलाश नहीं कर पाया है, तो इससे उसकी नाकामी साबित हो रही है। जिस तरह से वह जमीन तलाशने में लगा हुआ है। शायद उसे कभी जमीन नहीं मिल पाएगी। आम जनों के सेहत से उसे कोई सरोकार नहीं है। अधिवक्ता रविद्र कुमार रवि उर्फ रवि लाल रिहायशी मकानों के आसपास कचरा फेंकने से उससे उठने वाली बदबू से लोगों का बुरा हाल होता है। इसका कोई स्थाई समाधान की बेहद जरूरत है। इसे नाप अधिकारिक गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसी वजह से शायद जमीन नहीं पर मिल पा रही है। अधिवक्ता कंचन कुमारी नगर से गंदगी साफ होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में हमारा शहर स्वच्छ और सुंदर कैसे बनेगा यह सवाल बना हुआ है। किसी भी सड़क से गुजरने पर कहीं ना कहीं नाक पर रूमाल जरूर रखना पड़ता है। नप आम जनों को इससे छुटकारा नहीं दिला पता है, तो उसे कर वसूलने के हक नही है। व्यवसायी प्रदीप कुमार नगर परिषद का मुख्य कार्य नगर को साफ सुथरा रखना है। इसमें भी वह सफल नहीं हो पा रहा है। इस वजह से गिरते तापमान में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ते जा रहा है। इसका खामियाजा लोग आम जनों को भुगतना पड़ रहा है। इस तरफ भी नप को ध्यान देना चाहिए। शिक्षक राजेन्द्र सिंह

chat bot
आपका साथी