पीसीवी के टीके लगवाएं, 5 से कम उम्र के बच्चों को रोग से बचाएं

बक्सर सर्दियों के आगमन के साथ ही शिशुओं में निमोनिया से पीड़ित होने की संभावना भी बढ़ जा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 09:34 PM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 09:34 PM (IST)
पीसीवी के टीके लगवाएं, 5 से कम उम्र के बच्चों को रोग से बचाएं
पीसीवी के टीके लगवाएं, 5 से कम उम्र के बच्चों को रोग से बचाएं

बक्सर : सर्दियों के आगमन के साथ ही शिशुओं में निमोनिया से पीड़ित होने की संभावना भी बढ़ जाती है। निमोनिया छींकने या खांसने से फैलने वाला संक्रामक रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध बताते हैं कि निमोनिया से ग्रसित होने का खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा है। इसलिए अपने बच्चों को सम्पूर्ण टीकाकरण के अंतर्गत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क उपलव्ध पीसीवी का टीका जरूर लगवाएं।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.राजकिशोर सिंह कहते हैं, पीसीवी या न्यूमोकॉकल कॉन्जुगगेट वैक्सीन का टीका शिशु को दो माह, चार माह, छह माह, 12 माह और 15 माह पर लगाने होते हैं। यह टीका ना सिर्फ निमोनिया बल्कि सेप्टिसीमिया, मैनिजाइटिस या दिमागी बुखार आदि से भी शिशुओं को बचाता है। जाहिर हो, दुनिया भर में होने वाली बच्चों की मौतों में 15 प्रतिशत केवल निमोनिया की वजह से होती है। यह रोग शिशुओं के मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में से एक है जिसका कारण कुपोषण और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता भी है। प्रत्येक वर्ष 12 नवम्बर को समुदाय को इसके प्रति जागरूक करने के लिए विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। “स्टॉप निमोनिया, एव्री ब्रेथ काउंट्स'' को इस वर्ष की थीम रखा गया है।

बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से फेफड़ों में संक्रमण से होता है रोग

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि यह रोग बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से फेफड़ों में संक्रमण से होता है। एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों में द्रव या मवाद भरकर उसमें सूजन पैदा हो जाती है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। बच्चों को सर्दी में निमोनिया होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है जो जानलेवा भी हो सकता है। सुखद बात यह है की इस गंभीर रोग को टीकाकरण द्वारा पूरी तरह रोका जा सकता है।

कंपकंपी के साथ हो बुखार तो हो सकता है लक्षण

चिकित्सक कहते हैं, यदि शिशु में कंपकपी के साथ बुखार हो, सीने में दर्द या बेचैनी, उल्टी, दस्त सांस लेने में दिक्कत, गाढ़े भूरे बलगम के साथ तीव्र खांसी या खांसी में खून, भूख न लगना, कमजोरी, होठों में नीलापन जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। ये निमोनिया के संकेत हैं जिसमें जरा सी भी लापरवाही आपके शिशु के लिए खतरनाक हो सकती है।

निमोनिया संक्रामक रोग, पोषण और सफाई पर दें ध्यान

डॉ. सिंह ने बताया कि निमोनिया एक संक्रामक रोग है। इसलिए भीड़-भाड़ और धूल-मिट्टी वाले स्थानों से बच्चों को दूर रखें। जरूरत पड़ने पर मास्क और सैनिटाइ•ार का उपयोग करवाएं। समय-समय पर बच्चे के हाथ धुलवाएं। उन्हें प्रदूषण और धूम्रपान से बचाएं ताकि सांस संबंधी समस्या न रहे। रोग-प्रतिरोधक क्षमता से बीमारी से लड़ना आसान होता है।

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