आलू-परवल की जायकेदार सब्जी और पूरी से असहायों ने मिटाई भूख
बक्सर डुमरांव में रामप्रीत रिक्शा चला कर अपना पेट पालते हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण ि
बक्सर : डुमरांव में रामप्रीत रिक्शा चला कर अपना पेट पालते हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण रिक्शा चलना बंद हो गया है। ऐसे में भूख मिटाने की चिता थी, किसी ने उन्हें राज हाइस्कूल में खुले सामुदायिक रसोई के बारे में बताया और तपती दोपहरी में वहां आलू-परवल की जायकेदार पूरी और सब्जी खाकर उन्होंने अपनी भूख मिटाई। साथ में प्याज टमाटर के सलाद भी परोसे गए।
नगर विकास एवं आवास विभाग पटना के निर्देश पर डुमरांव नगर परिषद ने स्थानीय राज हाई स्कूल प्रांगण में सामुदायिक रसोई खोला है। जरूरतमंदों को यहां दो बार दोपहर तथा रात में मुफ्त में भोजन दिया जा रहा है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार के निर्देश पर प्रधान सहायक दुर्गेश कुमार सिंह ने शहर में वृहद प्रचार प्रसार के साथ मुफ्त भोजन योजना की शुरुआत कर दी गई है। पहले दिन डेढ़ सौ से ज्यादा जरूरतमंद लोग भोजन करने आए। बताया जाता है कि अभी लोगों को जानकारी कम है और जैसे-जैसे इसका प्रचार-प्रसार होगा, यहां संख्या बढ़ेगी। लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए गरीब तबके के लोग रिक्शा ठेला चालक फुटपाथ दुकानदार स्लम इलाके में रहने वाले लोग दूसरे जगहों से आए गरीब लोग भिखारी आदि सभी तरह के ग़रीबों को भोजन देने की व्यवस्था की गई है।
सब्जी और दल के साथ गरम भात खाकर निराश्रितों ने मिटाई भूख बक्सर: रेलवे स्टेशन के समीप दातुन बेचने का काम करने वाले मुन्ना की कमाई लॉकडाउन में बंद है, लेकिन भोजन की समस्या नहीं है। सामुदायिक रसोई में उन्हें दो समय का अच्छा भोजन मिल जा रहा है। शुक्रवार को सुबह में यहां आलू-परबल की सब्जी, राहर का दाल और गरमा-गरम भात निराश्रितों को परेासा गया। जिला मुख्यालय में रैन-बसेरा में लोगों के लिए सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है यहां पहुंचने वाले आगंतुकों को सुबह में चावल, दाल एवं आलू-परवल की सब्जी तथा रहर दाल व दिया जा रहा है वहीं, शाम को रोटी और सब्जी प्रदान किया जा रहा है। साथ ही सलाद आदि की भी व्यवस्था है। भोजन में साफ - सफाई तथा पौष्टिकता का भी ध्यान रखा जा रहा है। नगर मिशन प्रबंधक मनोज कुमार ने बताया कि शुक्रवार को सुबह में तकरीबन 50 लोग भोजन के लिए पहुंचे थे। शाम को भी तकरीबन इतने ही लोगों के पहुंचने की संभावना है जिसके लिए तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे लोग जो बेसहारा है और उनके खाने पीने की व्यवस्था कहीं नहीं हो पाती वह यहां आकर भोजन कर रहे हैं। यहां पर 50 से 60 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर इस व्यवस्था को और भी बढ़ाया जाएगा।