कार्ड दिखाने के बाद भी जनवितरण के काम में लगे मजदूरों को पुलिस ने पीटा
बक्सर बुधवार को डुमरांव पुलिस के द्वारा की गई राज्य खाद्य निगम के मजदूरों की पिटाई का मा
बक्सर : बुधवार को डुमरांव पुलिस के द्वारा की गई राज्य खाद्य निगम के मजदूरों की पिटाई का मामला तूल पकड़ने लगा है। गुरुवार को दूसरे दिन भी बीएसएफसी के आक्रोशित मजदूरों ने हड़ताल पर बैठकर दिलीप दोषी पुलिसकर्मियों की निलंबन की मांग पर अडिग रहे। हालांकि इसकी तुरंत सूचना मिलने के बाद जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी डॉ.वीरेन्द्र प्रभाकर, एसडीओ हरेंद्र राम और एसडीपीओ के के सिंह ने मजदूरों को समझा-बुझाकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद सभी मजदूर काम पर लौट गए।
डुमरांव पुलिस के खिलाफ बीएसएफसी के मजदूरों में आक्रोश का माहौल देखा गया। मजदूरों ने समझाने बुझाने पहुंचे अधिकारियों को बताया कि डुमरांव थाना में पदस्थापित पुलिस अधिकारी अजय पांडेय द्वारा यह जानकर भी कि यह सभी राज्य खाद्य निगम के खाद्यान्न ढोने वाले मजदूर हैं और पीडीएस दुकानदार के यहां से खाद्यान्न आपूर्ति कर लौट रहे हैं, इसके बाद भी पिटाई की गई। जबकि, मजदूरों द्वारा बार-बार विनती पूर्वक आग्रह किया गया कि ये लोग गरीब लाभुकों का खाद्यान्न आपूर्ति करके आ रहे हैं। मजदूरों ने अपना अपना परिचय पत्र भी दिखाया और वाहन पर बक्सर अत्यावश्यक सेवा का बोर्ड भी लगा था। इसके बावजूद भी मजदूरों के बातों को दरकिनार कर निर्दयता पूर्वक पिटाई की गई। इसको लेकर सभी मजदूर दूसरे दिन भी हड़ताल पर बैठ गए। मजदूरों से काम पर लौटने के लिए जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा अपील भी की गई, लेकिन मजदूर दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग पर अडिग रहें। हालांकि डुमरांव एसडीओ और डीएसपी ने इस मामले में पुलिस की कार्यशैली की जांच करा कर कार्रवाई करने की बात कही गई। जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी से इस मामले में लिखित शिकायत देने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद सभी मजदूर काम पर लौट गए।
-क्या है मामला
बुधवार को राज्य खाद्य निगम का अनाज लेकर मजदूर कोरान सराय थाना क्षेत्र के मुगांव गांव में गए थे। वहां से खाद्यान्न की आपूर्ति देकर डुमरांव लौट रहे थे। इसी दौरान थाना के समीप पुलिस के द्वारा खाद्यान्न आपूर्ति वाली गाड़ी रोक कर उस पर बैठे मजदूरों की जमकर पिटाई कर दी गई। दरअसल ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को यह लगा कि ये लोग सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन का उल्लंघन कर बेवजह घूम रहे हैं। जबकि खाद्यान्न आपूर्ति वाहन पर बैठे लोगों द्वारा खुद को राज्य खाद्य निगम के मजदूर बताया गया इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा पिटाई की गई। पुलिस की पिटाई के बाद सुदामा कुमार नामक एक मजदूर का हाथ भी टूट गया। जबकि संत कुमार, विनय कुमार, विनोद राय, भूषण कुमार और उमेश कुमार सहित अन्य मजदूरो पर पुलिस ने बेरहमी से डंडे बरसाए। जिसके बाद ये सभी मजदूर जख्मी हो गए। इसको लेकर आक्रोशित मजदूरों ने खाद्यान्न ढुलाई और आपूर्ति में अड़ंगा लगाते हुए हड़ताल कर दिया। सनद रहे कि जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं के पूर्व में हड़ताल पर रहने के कारण खाद्यान्न आपूर्ति का कार्य वैसे भी काफी विलंब से शुरू हुआ। उसी में मजदूरों की पिटाई के बाद हड़ताल पर चले जाने से खाद्यान्न आपूर्ति कार्य बाधित हुआ।
---------------------
डुमरांव थाना के समीप बीएसएफसी के वाहन पर मजदूरों के पिटाई के मामले में एसडीओ और डुमरांव डीएसपी से वार्ता हुई। इसमें स्पष्ट हुआ कि पुलिस के द्वारा जानबूझकर इन मजदूरों के साथ मारपीट की गई है। दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन के लिए वरीय पुलिस अधिकारी को लिखित प्रतिवेदन दिया जाएगा।
डॉ.वीरेंद्र प्रभाकर, (जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी, बक्सर)।