गुग्गुल और लोबान की सुगंध से वातावरण हुआ मनभावन
बक्सर आस्था की उमंग के बीच नवरात्रि उस मुकाम की ओर है जिसका इंतजार हर जन को रहता ह
बक्सर : आस्था की उमंग के बीच नवरात्रि उस मुकाम की ओर है जिसका इंतजार हर जन को रहता है। गांव से लेकर शहर तक जगह-जगह पंडालों में मूर्तियां आकर्षक ढंग से सजाई गई हैं। मंत्र व शंख की ध्वनि बीच पंडालों से गुग्गुल और लोबान की सुगंध से पूरा वातावरण मनभावन हो गया है। बतौर पंडित अमरेंद्र कुमार शास्त्री, रविद्र नाथ शास्त्री तथा रामेश्वर नाथ पंडित- पूजा के समय धूप जलाने से मन में शांति और प्रसन्नता आती है। इतना ही नहीं, मां के प्रसन्न होने के साथ ही अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाती है।
इधर, जिन पंडालों की मूर्ति के पट दिन में नहीं खुले थे मंगलवार की देर शाम आतिशबाजियों की उत्साहित शोरगुल के बीच वे सब भी खुल गए। पूजा पंडाल मंत्रों से गूंज उठे तो दिन ढलने के साथ बिजली झालरों से विश्वामित्र नगरी का कोना-कोना जगमग हो गया। ठठेरी बाजार मोड़ से सिडीकेट तक फैले उजियारे में तो दिन और रात का भेद मिटा हुआ प्रतीत हो रहा था। रात्रि के इस चकाचौंध का दूसरे दिन बुधवार को भी भक्तों ने खूब लुत्फ उठाया और शहर के विभिन्न पंडालों में रखी मूर्तियों का दर्शन पूजन के साथ अवलोकन भी किया। हालांकि, पूर्व के अनुभव बताते हैं कि चार दिनों के इस मेले में श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ नवरात्रि की नवमी व दशमी तिथि वाले दिन उमड़ती है, जो आज गुरुवार व अगले दिन शुक्रवार को है। सड़क किनारे अस्थाई चाटपाट की लगी दुकानें स्टेशन रोड से मॉडल थाना के बीच दर्जनों की संख्या में सड़क किनारे अस्थाई चाटपाट की दुकानें संजोई गई हैं। वैसे तो शहर के लगभग हर सड़क पर यह अस्थाई दुकानें देखने को मिलेंगी। पर कुछ स्थाई दुकानदारों ने भी मेला लाभ को दुकानों को आकर्षक रूप दिया है। परंतु, दो दिनों की बिक्री से किसी ने संतुष्टि जाहिर नहीं की। कहीं न कहीं सबों को नवमी-दशमी तिथि में बढ़ने वाली भीड़ का इंतजार है। इंसेट., भिड़ में कोरोना नियमों का अनुपालन अहम दशहरा मेला में उमड़ने वाली भीड़ में कोरोना से बचाव के नियमों का अनुपालन करना सबसे जरूरी है। श्रद्धालुओं से जागरण भी अपील करता है की मेला में घूमने निकले तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग अवश्य करें। भिड़ से दूरी बनाए रखें। जिन लोगों ने कोविड का टीका नहीं लिया है उन्हें विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।