डेढ़ दर्जन मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों का डीएम ने किया उदघाटन
बक्सर जिला अंतर्गत नवनिर्मित 18 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्घाटन जिला पदाधिकारी अमन समीर
बक्सर : जिला अंतर्गत नवनिर्मित 18 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्घाटन जिला पदाधिकारी अमन समीर के द्वारा किया गया। नदांव मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के उद्घाटन साथ शेष आंगनबाड़ी केन्द्रों का उन्होंने ऑनलाइन उद्घाटन किया। उद्घाटन के जिला पदाधिकारी द्वारा वहां पोषण वाटिका में पौधारोपण का कार्य किया गया। इस दौरान डीएम ने बताया गया कि मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का उद्देश्य बच्चों को रोचक तरीके से स्कूल पूर्व शिक्षा एवं पोषण देना है।
डीएम ने कहा कि 0-6 वर्ष के बच्चे गर्भवती एवं धात्री माताओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं को उपलब्ध कराना है। इसके अंतर्गत बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास विभिन्न गतिविधियों यथा विद्यालय पूर्व शिक्षा, पोषण स्थिति की माप, पूरक पोषाहार, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा द्वारा किया जाता है। साथ ही विभिन्न विभागों से समन्वय करते हुए निर्धारित समय सीमा के अंदर बच्चों के अल्प वजन, बौनापन, एवं दुबलापन के दर में कमी भी लाई जानी है। मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के उद्घाटन समारोह में उप विकास आयुक्त, विशेष कार्य पदाधिकारी जिला गोपनीय शाखा, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी तथा जिला प्रोग्राम कार्यालय के कर्मी तथा स्थानीय पंचायत के जनप्रतिनिधि के रूप में मुखिया, सरपंच एवं आम जनता उपस्थित रहे। वहीं, सभी केंद्रों पर सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी तथा महिला पर्यवेक्षिका का आंगनबाड़ी सेविका सहायिका भी उपस्थित रही।
डीएम ने ऑनलाइन किया आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन
गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रखंड के दुल्लहपुर पंचायत अंतर्गत खैरापट्टी वार्ड चार में संचालित आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र कोड संख्या 51 का मंगलवार को जिला पदाधिकारी अमन समीर ने ऑनलाइन उद्घाटन किया। इस दौरान केंद्र पर मौजूद प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार सिंह एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी संगीता कुमारी की देखरेख में पोषक क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं की गोद भराई हुई तथा उन्हें उपहार में पौष्टिक आहार दिया गया।
इस मौके पर सीडीपीओ ने कहा कि पौष्टिक आहार लेने से न सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती हैं, बल्कि पेट के अंदर पल रहे बच्चे का भी सर्वांगीण विकास होता है। पौष्टिक आहार के अभाव में महिलाएं विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाती है। जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए गर्भावस्था में महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि 6 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों को मां का दूध पिलाना चाहिए। इससे न सिर्फ उनका शारीरिक विकास होता है। बल्कि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि भी होती है। आयोजित कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बीडीओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र न सिर्फ बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में जिले का रोल मॉडल बनेगा। बल्कि इसके माध्यम से गर्भवती महिलाएं, किशोरी, कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण की बेहतर सुविधा भी मिलेगी। आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के उद्घाटन समारोह में पंचायत प्रतिनिधि, सेविका, सहायिका सहित काफी संख्या में पोषक क्षेत्र के लोग मौजूद थे।