डुमरांव में भी छिड़ा पदाधिकारी प्रतिनिधि का विवाद

सिमरी की तर्ज पर डुमरांव में भी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि का विवाद बढ़ गया है। दोनों तरफ से मामले में स्थानीय थाना में लिखित शिकायत दी गयी है। एक तरफ डुमरांव प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी सुबास राम हैं, तो दूसरी तरफ प्रखंड प्रमुख सविता देवी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 04:47 PM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 04:47 PM (IST)
डुमरांव में भी छिड़ा पदाधिकारी प्रतिनिधि का विवाद
डुमरांव में भी छिड़ा पदाधिकारी प्रतिनिधि का विवाद

बक्सर । सिमरी की तर्ज पर डुमरांव में भी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि का विवाद बढ़ गया है। दोनों तरफ से मामले में स्थानीय थाना में लिखित शिकायत दी गयी है। एक तरफ डुमरांव प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी सुबास राम हैं, तो दूसरी तरफ प्रखंड प्रमुख सविता देवी हैं। बीसीओ सुबास राम का कहना है कि प्रमुख सविता देवी के पति शक्ति पासवान ने चेम्बर में बुलाया। उस वक्त एक जरूरी रिपोर्ट तैयार कर रहा था। इस कारण तत्काल नहीं जा पाया। थोड़ी देर बाद ही स्वयं प्रमुख पति चेम्बर में आकर देख लेने की धमकी दिए। धमकी का असर यह हुआ कि भय से बीसीओ ने प्रमुख पति के खिलाफ थाना में लिखित शिकायत दे दी है। उधर, गुरुवार को प्रखंड कार्यालय पहुंची प्रखंड प्रमुख सविता देवी का पुन: बीसीओ सुबास राम से सामना हो गया। प्रमुख सविता देवी का कहना है कि बीसीओ से किसानों की समस्या के आलोक में वार्ता कर रही थी। तभी अचानक बीसीओ आगबबूला हो गए। उन्होंने मेरे साथ न सिर्फ दु‌र्व्यवहार किया। बल्कि, मेरी कलाई पकड़ लिए। पंचायत समिति सदस्यों के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ। इस संबंध में प्रमुख ने भी बीसीओ के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दी है। पुलिस दोनों आवेदन पर आवश्यक पड़ताल कर रही है। इस सम्बंध में प्रमुख और बीसीओ दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ कड़े तेवर बना रखे हैं। विवाद का कार्यालय पर दिखा असर  प्रमुख तथा बीसीओ के बीच हुए विवाद का असर गुरुवार को दिखा।  गुरुवार को 10:30 से पहले ही न सिर्फ कार्यालय खुल गया था। बल्कि, सारे कर्मी अपनी टेबल पर मौजूद थे। कर्मियों को ¨चता सता रही थी कि प्रमुख सबकी हाजिरी चेक कर सकती हैं तथा विलंब से आनेवालों को हाजिरी कटने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इसको लेकर तत्परता थी। शिकायत का मौका न मिले। अंचल कार्यालय, सीडीपीओ कार्यालय, कृषि कार्यालय हर जगह उपस्थिति अच्छी थी। कर्मी इस विवाद के पटाक्षेप का उपाय भी तलाश रहे थे। तभी, प्रमुख और बीसीओ के बीच किसानों की समस्या को लेकर विवाद हो गया। जिसमें कर्मियों द्वारा सुलह का प्रयास विफल हो गया।

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