गंगा के बढ़ते जलस्तर से दियारा क्षेत्र पर मंडराया खतरा

बक्सर। कोरोना से थोड़ी राहत मिली तो गंगा के जलस्तर में जारी वृद्धि को लेकर दियारावासियों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी का प्रवाह बढ़ता रहा तो गांवों में पानी जल्द घुस सकता है। विशेषकर पकड़ी डेरा श्रीकांत राय के डेरा बेनीलाल के डेरा टेकमन के डेरा लाल सिंह के डेरा सुचित के डेरा बिगु के डेरा गर्जन पाठक के डेरा दादा बाबा के डेरा तिलक राय के हाता भिक्षु के डेरा आदि ऐसे गांव हैं जो गंगा के तट पर बसे है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:41 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:41 PM (IST)
गंगा के बढ़ते जलस्तर से दियारा क्षेत्र पर मंडराया खतरा
गंगा के बढ़ते जलस्तर से दियारा क्षेत्र पर मंडराया खतरा

बक्सर। कोरोना से थोड़ी राहत मिली तो गंगा के जलस्तर में जारी वृद्धि को लेकर दियारावासियों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी का प्रवाह बढ़ता रहा तो गांवों में पानी जल्द घुस सकता है। विशेषकर पकड़ी डेरा, श्रीकांत राय के डेरा, बेनीलाल के डेरा, टेकमन के डेरा, लाल सिंह के डेरा, सुचित के डेरा, बिगु के डेरा, गर्जन पाठक के डेरा, दादा बाबा के डेरा, तिलक राय के हाता, भिक्षु के डेरा आदि ऐसे गांव हैं, जो गंगा के तट पर बसे है। ऐसे में यहां के लोग बाढ़ की विभीषिका को लेकर काफी सशंकित है।

श्रीकांत राय के डेरा निवासी कृष्णा यादव, शैलेंद्र मिश्र, सियाराम यादव, विमलेश यादव, विशाल यादव, प्रभु बिद, रामनारायण बिद, छोटक गोड़, आशीष यादव, महेश यादव आदि ने बताया कि पानी बढ़ने की गति पिछले तीन-चार दिनों से जारी है। गत शुक्रवार से इसकी गति पहले की अपेक्षा तेज हो गई है। हालांकि अभी पानी समतल मैदान से काफी नीचे है। बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए फिलहाल स्थानीय प्रशासन निजी नावों के भरोसे है। प्रखंड में जितनी सरकारी नाव थीं, उनमें से अधिकांश अनुपयोगी साबित हो चुकी हैं। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ आने की स्थिति में लोगों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन प्राइवेट नावों के रजिस्ट्रेशन करने पर विचार कर रहा है और बहुत जल्द इसके लिए नाविकों के साथ एक बैठक भी होने वाली है। अभी तक नहीं हुआ शरणार्थी स्थल का चयन

बाढ़ आने की स्थिति में दियारावासी कहां शरण लेंगे स्थानीय प्रशासन अभी तक इसका चयन नहीं कर पाया है। ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में सगे संबंधी भी अपनों से दूरी बनाने लगे हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन द्वारा शरणार्थी स्थल का चयन नहीं किया जाना काफी चिता का विषय है। बाढ़ के दौरान सबसे दयनीय स्थिति तो पशुओं की होती है, जिनके लिए प्रशासन द्वारा कोई सुरक्षित स्थान चयनित नहीं किए जाने के चलते पशुपालक उन्हें बक्सर कोईलवर तटबंध पर रखने के लिए मजबूर होते हैं। शुरू नहीं हुआ तटबंध मरम्मती का कार्य

बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर विगत 5 जून को जिला पदाधिकारी अमन समीर एवं पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रुप से बक्सर कोईलवर तटबंध का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान जहां कहीं तनिक भी कमी दिखाई दी तत्काल मरम्मती के लिए विभागीय अधिकारियों को सख्त हिदायत दी थी। मगर आज तक उस पर अमल नहीं हुआ। इस मामले में अंचलाधिकारी अनिल कुमार से उनके मोबाइल नंबर 8271162818 पर संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

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