शादी समारोहों में कोविड नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां

बक्सर जिले में जिस तेजी से संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है उसके वास्तविक आंकड़े बेहद

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 05:11 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 05:11 PM (IST)
शादी समारोहों में कोविड नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां
शादी समारोहों में कोविड नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां

बक्सर : जिले में जिस तेजी से संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है उसके वास्तविक आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। जिला प्रशासन द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार अब तक 56 की मौत हो चुकी है, जबकि श्मसान घाट पर प्रतिदिन अंतिम संस्कार के लिए लाए जा रहे शवों की संख्या अलग ही कहानी बयां कर रही है। बावजूद इन सबसे बेखबर शादी एवं अन्य समारोहों में कोविड नियमों के अनुपालन में घोर लापरवाही बरती जा रही है। जिसका नतीजा है कि तेजी से बढ़ते संक्रमण पर तमाम कोशिशों के बावजूद काबू पाने में अब तक सफलता नहीं मिल सकी है।

जिले में काफी तेजी से कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है, तो दूसरी ओर मरने वालों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। सरकारी आंकड़ों की माने तो अब तक जिले में 56 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, श्मसान घाट पर जाने पर पता चलता है कि वास्तविक आंकड़े इससे कई गुना ज्यादा हैं। दरअसल प्रशासन सिर्फ वैसे ही लोगों को संक्रमण का शिकार मान रहा है, जिनका जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कोविड सेंटर में इलाज चल रहा था। जबकि, इससे इतर सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग भी हैं जिनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनमें संक्रमण के लक्षण पाए गए तथा उनकी मौत भी हो गई। इस बात को स्वास्थ्य विभाग भी मान चुका है कि कोरोना का दूसरा ट्रेंड कई मायनों में पहले से भिन्न है तथा जांच में यह सामने नहीं आ रहा है। -शादी जैसे आयोजनों में नहीं दिख रहा खौफ

अजीब विडंबना है कि संक्रमण का दौर शुरू होने के साथ ही शुभ मुहूर्त और लग्न का मौसम भी आ गया। इस बीच जिनके घरों में भी शादी का आयोजन है वहां लाख प्रयासों के बावजूद कोरोना नियमों का कोई अनुपालन नहीं हो रहा है। यहां तक कि इतनी गंभीर परिस्थति के बीच भी बारात जाने के लिए लोगों में होड़ मची है तो दूसरी ओर बारात में भीड़ एकत्र करने के लिए नाच आदि का भी प्रोग्राम किया जा रहा है। शादी की रस्म के तहत दूल्हे के परिछावन की रस्म आदयगी के दौरान किसी भी शादी को देखें तो महिलाओं और बच्चों द्वारा कहीं कोई मास्क का प्रयोग करते नहीं दिख रहा है। इस बीच यदि पुलिस को सूचना मिल जाती है तो लोगों को हड़काते हुए कोविड नियमों के पालन के लिए दबाव दिया जाता है। बावजूद इसके आलम यह है कि पुलिस के हटते ही समारोह में मौजूद लोग फिर अपने रंग में रंग जाते हैं। हैरत तो इस बात पर है कि तमाम प्रकार से जागरूकता के प्रयास के बावजूद अभी भी लोग इसे काफी हल्के में ले रहे हैं, साथ ही कोविड नियमों के पक्ष में दलील देने वालों की माखौल उड़ाने से भी नहीु चुकते हैं।

सरकार को मजबूर होकर लॉकडाउन का लेना पड़ा निर्णय

कोरोना के दूसरे स्ट्रेन पर मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के बावजूद सरकार की यही सोंच थी कि जागरूकता के प्रयासों के बाद संक्रमण के प्रसार पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। परन्तु लोगों की दिनोंदिन बढ़ती लापरवाही के बीच तेजी से बढ़ते संक्रमण और कम पड़ते जा रहे संशाधनों को देखते हुए आखिरकार सरकार को मजबूर होकर एकबार फिर से लॉकडाउन जैसा कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। यदि लोग पहले ही जागरूकता दिखाते हुए सजग हो जाते तो शायद इसकी नौबत नहीं आई होती।

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