शहर हो रहा गंदा, धूल फांक रही गीला कचरा रिसाइकिलिग मशीन

बक्सर स्वच्छता के मानक पर देश में सिरमौर इंदौर की तरह अपने शहर बक्सर को स्वच्छता के म

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 10:06 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 10:06 PM (IST)
शहर हो रहा गंदा, धूल फांक रही गीला कचरा रिसाइकिलिग मशीन
शहर हो रहा गंदा, धूल फांक रही गीला कचरा रिसाइकिलिग मशीन

बक्सर : स्वच्छता के मानक पर देश में सिरमौर इंदौर की तरह अपने शहर बक्सर को स्वच्छता के मानक पर खरा उतारने के लिए नगर परिषद ने योजना तैयार कर ली है। गीला कचरा रीसाइक्लिग मशीन की खरीदारी कर ली गई है, लेकिन यह मशीन कार्यालय परिसर में प्रतिष्ठापन (इंस्टालेशन) के अभाव में पड़ी-पड़ी धूल फांक रही है। शहर गंदा हो रहा है, लेकिन नगर परिषद मशीन को लगाने की तरफ ध्यान हीं दे रहा है।

स्वच्छता रैंकिग में इंदौर पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त करके देश के अन्य राज्य के नगर निकायों को आइना दिखा दिया है। शहर में गीले कचरे से बायो खाद बनाने की प्रक्रिया पर पहल डेढ़ वर्ष पूर्व की गई थी। बाईपास रोड स्थित वार्ड नंबर 33 में कचरा रीसाइक्लिग पीट बन कर तैयार हो चुका है। बस, मशीन को लगा कर कार्य शुरू करना है, लेकिन यह मशीन अभी धूल फांक रही है। हालांकि, नगर परिषद मशीन विद्युत से चलेगी, इसे देखते हुए कार्य करने की बात कह रहा है। नगर से निकलने वाले गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी। खाद से कचरा का सदुपयोग होगा और पेड़-पौधों को जैविक खाद मिलेगा।

साफ-सुथरा बनेगा पर्यावरण

शहर की आबोहवा को दूषित होने से बचाने के लिए अनेक प्रयास किया जा रहे हैं। अब तक कचरा को बेकार समझ कर फेंक दिया जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। सूखा व गीला कचरा में बांट कर अलग-अलग कचरे का स्टोर किया जाएगा। उसे हरे डस्टबिन में डाला जाएगा या नीले में, इस बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। ताकि वह कचरा निर्धारित स्थल पर डालें। गीला कचरा का उपयोग कंपोस्ट खाद बनाने में किया जाएगा। नप सर्वे के मुताबिक शहर से प्रतिदिन लगभग दो टन गीला कचरा इकट्ठा किया जाएगा। लोगों को जागरूक किया जाएगा कि हरे डस्टबिन में पकाया या बिना पकाया बेकार भोजन रखा जाए। इसके साथ ही अंडे के छिलके और हड्डियां, फूल, माला, फल, सब्जियों के छिलके व बेकार सब्जियां, जूस, भोजन व शौचालय के लिए इस्तेमाल किया जाना वाला टिश्यू, टायलेट पेपर, चाय के बैग, काफी पाउडर, पत्ता की प्लेटें, घरेलू बगीचे और पौधों का कचरा हरे डस्टबिन में डाला जाएगा। यह कचरा डोर-टू-डोर आने वाले कचरा उठाव कर्मचारियों द्वारा इकट्ठा किया जाएगा।

नीले डस्टबिन में रहेगा सूखा कचरा

प्लास्टिक के लिफाफे, कवर, बोतलें, बक्से, टॉफी रेफर, कागज के कप-प्लेट, दूध और दही के पैकेट, अखबार, पत्रिका, गत्ता के डिब्बे, कागज का बाक्स, पैकिग, पन्नी, कंटेनर, टिन पैक, बोतलें, जार, बेकार फूलदान, रबड़, चमड़ा, पुराना सामान, थर्मोकोल, प्रसाधन की सामग्री, स्पंज, पुराने कपड़े, ब्रश, रेजर, बैटरियां, ट्यूबलाइट, सीएफएल, एलईडी बल्ब आदि सूखा कचरा नीली डस्टबिन में रखा जाएगा। ये कचरा भी डोर-टू-डोर कचरा उठाव करने वाले कर्मचारियों को नीले डस्टबिन में दिया जाएगा।

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कंपोस्ट खाद का उत्पादन शुरू होने के बाद से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के प्रति लोगों में जागरुकता आएगी। इसका असर शहर की स्वच्छता पर भी पड़ेगा। इस पर कार्य जल्द ही शुरू कराई जाएगी।

प्रेम स्वरूपम

नप कार्यपालक पदाधिकारी, बक्सर

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