ब्रह्मोश्वर धाम में बैशाख शिवरात्रि पर भी छाई खामोशी

बक्सर वैशाख शिवरात्रि के अवसर पर बोल बम का जयघोष पशु मेला में आने का शौक और बाजार क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 04:21 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 04:21 PM (IST)
ब्रह्मोश्वर धाम में बैशाख शिवरात्रि पर भी छाई खामोशी
ब्रह्मोश्वर धाम में बैशाख शिवरात्रि पर भी छाई खामोशी

बक्सर : वैशाख शिवरात्रि के अवसर पर बोल बम का जयघोष, पशु मेला में आने का शौक और बाजार की गहमागहमी आदि तमाम गतिविधियों को कोरोना ने खामोश और शांत कर दिया। रविवार को वैशाख शिवरात्रि के अवसर पर ब्रह्मापुर में उमड़ने वाली आस्था की भीड़ नही हुई बाबा ब्रह्मोश्वर ने भी लॉकडाउन का पालन किया।

फाल्गुनी और श्रावण शिवरात्रि की तरह वैशाख शिवरात्रि के अवसर पर भी बाबा का जलाभिषेक करने के लिए सूबे के विभिन्न जिलों के अलावा समीपवर्ती यूपी से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। पशु मेला भी लगता है और काफी संख्या में दुकानदार भी अपनी-अपनी दुकानें लेकर आते हैं। इस बार मंदिर बंद होने और परिसर की घेराबंदी कर दिए जाने के कारण चाह कर भी लोग नहीं आ सके। जैसे तैसे गिनती के कुछ लोग आए और दरवाजे पर ही माथा टेक कर चले गए। प्रदोष और शिवरात्रि के अवसरों पर आने वाले श्रद्धालु भक्तों के कारण यहां का माहौल पूरी तरह से शिवमय हो जाता था और बाजारों में भी गहमागहमी से छोटे बड़े दुकानदारों को अच्छी आय होती थी। दुकानदार देवदास प्रसाद,उमेश साह, पिटू साह बताते हैं कि शिवरात्रि और लगन के अवसर पर मंदिर बंद होने के कारण यहां के बाजार का कारोबार पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। श्रद्धालु भक्तों के नहीं आने से मिठाई का प्रसाद भी नहीं बनाया गया था।

पशु मेला के साथ सजती थीं दुकानें

प्राचीन काल से बाबा के नाम पर लगने वाला फाल्गुन और वैशाख का पशु मेला काफी प्रसिद्ध है। इस मेले में मवेशियों की खरीद बिक्री करने के लिए काफी दूर-दूर से व्यापारी आते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से बैसाखी मेला का अस्तित्व लगभग समाप्ति के कगार पर है। फिर भी वैशाख शिवरात्रि के अवसर पर आज भी आसपास के कुछ व्यापारी और किसान अपने मवेशियों के साथ शौक पूरा करने के लिए मेला में आते हैं। लेकिन इस बार संकटकाल में एक भी मवेशी और व्यापारी नहीं आए।

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