बाबा का खुला दरबार पर बाजार में छाई मंदी

बक्सर कोरोना संक्रमण ने अर्थव्यवस्था पर ऐसा ब्रेक लगाया जिससे आम आदमी की क्रय शक्ति घट गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:10 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:04 PM (IST)
बाबा का खुला दरबार पर बाजार में छाई मंदी
बाबा का खुला दरबार पर बाजार में छाई मंदी

बक्सर : कोरोना संक्रमण ने अर्थव्यवस्था पर ऐसा ब्रेक लगाया, जिससे आम आदमी की क्रय शक्ति घट गई। अनलॉक 4 में सरकार द्वारा कई तरह की राहत देने और 6 महीने के बाद बाबा ब्रह्मोश्वर नाथ का मंदिर खुलने के बाद भी यहां के बाजारों की रौनक नहीं लौटी। लगातार बंदी से टूट चुके हर चेहरे पर हताशा और निराशा का भाव देखने को मिल रहा है। बाजारों में लोग तो आते जाते हैं लेकिन खरीदार नहीं है।

पूड़ी, मिठाई और प्रसाद के दुकानदार उमेश प्रसाद और पिटू साह बताते है कि श्रद्धालुओं के आने के बाद भी पहले की तरह अब बिक्री नहीं रही। शादी-विवाह के मौसम और सावन के महीने में यहां के बाजार में रौनक होती है। यह दोनों समय बंदी को भेंट चढ़ गए और यहां का कारोबार चौपट हो गया। रेडीमेड कपड़े के दुकानदार मोहम्मद ख्वाजादीन और श्रृंगार की दुकान चलाने वाले रविशंकर प्रसाद बताते हैं कि बाजार पूरी तरह से बेदम हो गया है और दशहरा के अवसर पर होने वाली खरीद बिक्री की संभावना पर भी पानी फिर गया है। अब तो अगले साल लग्न में ही बिक्री की आस है। रोजगार तो पूरी तरह लड़खड़ा गया है। फूल-माला बेचने वाले दिनेश माली और संतोष माली बताते है कि कुछ लोगों के आने से जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण हो रहा है। जमा पूंजी भी खत्म हो गई और सरकार से किसी तरह का सहयोग भी नहीं मिला है।

रेल की बंदी से और बढ़ गई तबाही

रेल की बंदी से लोगों की तबाही और बढ़ गई है। छोटे-मोटे दुकानदार रेलवे से ही अपना सामान लाते हैं और इसकी बंदी से भी बाजार पर असर पड़ा है। पटना और आरा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के नामांकन, रजिस्ट्रेशन कराने और स्नातकोत्तर की शुरू हुई परीक्षाओं में शामिल होने के लिए रिजर्व गाड़ी करना काफी महंगा सौदा साबित हो रहा है। रेल यात्री कल्याण समिति के महामंत्री अजय उपाध्याय बताते हैं कि रेल परिचालन बंद कर देने से बाजार की तबाही के साथ छात्रों पर भी अनावश्यक खर्च का बोझ बढ़ गया है।

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