होम आइसोलेशन में जाएंगे आयुष चिकित्सक, आज से लगाएंगे काला फीता
बक्सर आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन अमसा के आह्वान पर जिले में कार्यरत आयुष चिकित्सकों ने
बक्सर : आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन अमसा के आह्वान पर जिले में कार्यरत आयुष चिकित्सकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 15 मई से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। इस दौरान ये चिकित्सक होम आइसोलेशन में रहेंगे। इससे पहले सोमवार से 12 मई तक इनके द्वारा काला फीता लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। रविवार को जिला संघ के चिकित्सकों ने अपनी मांगों एवं अपने निर्णय से सिविल सर्जन डॉ.जितेन्द्र नाथ को अवगत कराया और उन्हें इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा।
आयुष चिकित्सक डॉ.ज्ञान प्रकाश सिंह एवं डॉ.हरिशंकर चौबे ने बताया कि 10 से 12 मई तक चिकित्सकों द्वारा काला फीता लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान अगर उनकी मांगें मान ली गईं तो ठीक अन्यथा सभी आयुष चिकित्सक कार्य बहिष्कार करते हुए होम आइसोलेशन में चले जाएंगे। इन चिकित्सकों ने बताया कि आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन एव आरबीएसके राज्य संगठन के आधार पर आयुष चिकित्सकों की मानदेय वृद्धि, आयुष चिकित्सकों की बहाली, संविदा डाक्टरों की सेवा स्थाई करने एवं सेवा काल में मृत्यु होने पर स्थाई डॉक्टरों की तरह सभी तरह की सुविधाएं प्रदान करने सहित अपने 4 सूत्री मांगों को लेकर जिला के आयुष चिकित्सक भी 10 से 12 मई से काला बिल्ला लगाकर अपनी सेवा देंगे। आयुष चिकित्सक संघ बिहार और आयुष चिकित्सक संघ आरबीएसके के जिलाध्यक्ष डॉ.चौबे ने बताया कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो 15 मई से जिले के सभी संविदा एवं आयुष चिकित्सक होम आइसोलेशन में चले जाएंगे। मौके पर डॉ.हरिशंकर चौबे, डॉ.ज्ञान प्रकाश सिंह, डॉ. विकास, डॉ. श्रीधर पांडेय, डॉ.आशुतोष पांडेय, डॉ. अरविद यादव, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ.जय प्रकाश, डॉ. लकडा आदि मौजूद थे।
कैबिनेट ने पास किया 65 हजार, मिल रहा 44 हजार प्रति माह
आयुष चिकित्सक डॉ.ज्ञान प्रकाश ने कहा कि जिले में सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आयुष चिकित्सक बढ़-चढ़कर अपनी सेवा दे रहे हैं। आयुष चिकित्सक अपने जान की परवाह किए बिना अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। बावजूद कैबिनेट से पास होने के बाद भी उन्हें 65000 रुपया मानदेय नहीं मिल रहा है। इसकी जगह पर उन्हें आज भी 44 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है। यह न्यायसंगत नहीं है।
आइसोलेशन में गए चिकित्सक तो चरमरा जाएगी व्यवस्था
अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर उतरे आयुष चिकित्सक अगर होम आइसोलेशन में चले जाते हैं तो कोविड के दौरान इलाज की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी। कोविड-19 के दौरान चलाई जा रही चिकित्सकीय व्यवस्था में इन चिकित्सकों की भूमिका अहम है। बताया जाता है कि करीब 50 की संख्या में ये चिकित्सक जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत हैं और कोविड के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। कोविड केयर सेंटर से लेकर फील्ड तक की ड्यूटी में ये चिकित्सक जी-जान से लगे हुए हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि इनकी मांग पूरी कर दे।