कुर्की के लिए पुलिस के पहुंचते ही पूर्व मुखिया ने किया कोर्ट में सरेंडर

बक्सर जिले के बहुचर्चित युवक को निर्वस्त्र कर पिटाई मामले के मुख्य आरोपित मटकीपुर पंचायत

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:02 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:02 PM (IST)
कुर्की के लिए पुलिस के पहुंचते ही पूर्व मुखिया ने किया कोर्ट में सरेंडर
कुर्की के लिए पुलिस के पहुंचते ही पूर्व मुखिया ने किया कोर्ट में सरेंडर

बक्सर : जिले के बहुचर्चित युवक को निर्वस्त्र कर पिटाई मामले के मुख्य आरोपित मटकीपुर पंचायत के पूर्व मुखिया हरेंद्र यादव को आखिरकार आत्मसमर्पण करना ही पड़ गया। इस बीच घटना के हाई लाइट होने के बाद से ही पूर्व मुखिया द्वारा खुद को बचाने के लिए हर सम्भव किए जा रहे थे। शुक्रवार की सुबह लाव लश्कर के साथ जब भारी संख्या में पुलिस बलों के साथ कई थानों की पुलिस पूर्व मुखिया के घर कुर्की जब्ती के लिए पहुंच गई, तब मजबूर होकर मुखिया ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद जमानत के लिए दी गई अर्जी को खारिज करते कोर्ट ने जेल भेज दिया। धनसोइ थनाध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि कोर्ट से पूर्व मुखिया हरेंद्र यादव की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी होने के साथ ही पुलिस द्वारा कुर्की जब्ती के लिए आवेदन दे दिया गया था। गुरुवार को कुर्की का आदेश मिलते ही शुक्रवार की सुबह मुखिया की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी गई। प्रशिक्षु डीएसपी अमरनाथ के नेतृत्व में सर्किल इंस्पेक्टर, मुफ्फसिल थाना, राजपुर थाना, एससीएसटी थाना और धनसोइ पुलिस के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल के जवानों के साथ 9:45 बजे पूरी टीम मुखिया के दरवाजे पर पहुंच गई थी। मामला चुकी काफी बड़ा था इसलिए दंडाधिकारी के पहुंचने के इंतजार ही किया जा रहा था कि, तभी 10:15 बजे कोर्ट से पेशकार द्वारा फोन पर सरेंडर की सूचना दी गई। थनाध्यक्ष ने बताया कि मुखिया के सरेंडर नहीं करने की स्थिति में हरेंद्र यादव की कई जगह सम्पत्ति होने के कारण कम से कम तीन दिनों तक कुर्की जब्ती का अभियान चलने का अनुमान किया गया था। क्या था मामला

16 अक्टूबर को धनसोइ थाना क्षेत्र के मटकीपुर पंचायत के पूर्व मुखिया हरेंद्र यादव पर बाइक चोरी के आरोप में पंचायत के ही एक युवक को सरेआम निर्वस्त्र कर पिटाई का आरोप लगाया गया था। दरअसल यह पूरा मामला दब चुका होता, पर घटना का वीडियो वायरल होते ही जिले में हड़कंप मच गया और पुलिस की भी नींद टूटी। इसके पूर्व धनसोइ पुलिस द्वारा पीड़ित युवक को मुखिया की ही निशानदेही पर गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बीच पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह के दबाव पर आनन फानन में चौकीदार के बयान पर केस दर्ज किया गया जिसमें हरेंद्र यादव और उनके दो पुत्रों समेत दस नामजद तथा 50 अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। -पूरा घटनाक्रम ही साजिश

इस पूरे मामले का बारीकी से अध्ययन करने पर साफ पता चलता है कि घटना का एक-एक पहलू साजिश का हिस्सा है और कई जगहों पर इसका तानाबाना टूटते नजर आ रहा है। मसलन बाइक चोरी किसी अन्य ने किया, पर बाइक समेत पकड़ा गया कोई दूसरा। जिस वक्त युवक को बाइक समेत पकड़ा गया उस वक्त पकड़ने वालों को पहले से पता था कि बाइक के साथ युवक इसी रास्ते से आ रहा है और लोग इंतजार में खड़े थे। उसके बाद हरेंद्र यादव और गुर्गों द्वारा युवक को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पिटाई। मामला बाइक चोरी का पर, पुलिस द्वारा शराब मामले में गिरफ्तारी किया जाना आदि कई ऐसे बिदु हैं जो घटनाक्रम की कड़ी को जगह जगह तोड़ दे रहे हैं। -युवक ने कभी नहीं किया कोई नशा

इधर पीड़ित युवक के परिवार समेत अनेक ग्रामीणों से की गई बात में यह बात भी सामने आ रही है कि बाइक चोरी आरोपित जिस युवक को पुलिस ने पूर्व मुखिया के दबाव में शराब पीने में जेल भेज दिया उसके अंदर किसी भी प्रकार के नशे की कोई आदत नहीं थी और वह आरा में रहकर पढ़ाई करता था। -पूर्व मुखिया खुद को बता रहे निर्दोष

न्यायलय परिसर में आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे पूर्व मुखिया हरेंद्र यादव की माने तो वह बेकसूर हैं। ग्रामीण युवक को नंगा कर पीटते हुए उनके दरवाजे पर पहुंचे थे। उन्होंने तो युवक को ग्रामीणों के चंगुल से बचाते हुए खुद उसे पुलिस को सुपर्द कराया था। -चौकीदार के अलग दावे

युवक को निर्वस्त्र कर पिटाई के दौरान की वायरल वीडियो में चौकीदार महेंद्र यादव भी खड़ा होकर तमाशा देखते दिखाई दे रहा है। जबकि चौकीदार के ही बयान पर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी के अनुसार रास्ते गुजरने के दौरान भीड़ देख चौकीदार मुखिया के दरवाजे पर चला गया और नजारा देखते ही पुलिस को सूचना दी। सवाल यह उठता है कि एक तरफ मुखिया का दावा कि उन्होंने ही पुलिस को सूचना देकर बुलवाया, दूसरी तरफ चौकीदार का कहना कि उसने पुलिस को सूचना दी यह भी जांच का विषय हो सकता है। कोई एक तो झूठ जरूर बोल रहा है। -एसपी के फैसले पर भरोसा

परिवार समेत ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस न्याय दिलाने के लिए होती है। धनसोइ पुलिस की कारगुजारी के बाद पुलिस से भरोसा टूटने लगा था, पर पुलिस अधीक्षक की पहल के बाद एक बार फिर भरोसा बढ़ते दिखाई दे रहा है कि एसपी नीरज कुमार सिंह के रहते किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं हो सकता।

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