अक्षय तृतीया कल : भूमि पूजन से किसान करेंगे खेती सीजन का आगाज

फोटो- 13बक्स3 - आचार्यों ने कहा कोरोना महामारी में भक्त घर में रहकर भगवान विष्णु और म

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 04:01 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 05:30 PM (IST)
अक्षय तृतीया कल : भूमि पूजन से किसान करेंगे खेती सीजन का आगाज
अक्षय तृतीया कल : भूमि पूजन से किसान करेंगे खेती सीजन का आगाज

फोटो- 13बक्स3

- आचार्यों ने कहा, कोरोना महामारी में भक्त घर में रहकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का करें ध्यान

जागरण संवाददाता, बक्सर : अक्षय तृतीया का त्योहार आज शुक्रवार को है। इसी दिन किसान अपने खेत का भूमि पूजन कर नए खेती सीजन का शुभारंभ करते हैं। मनीषियों ने भारतीय काल गणना के अनुसार कुल चार अक्षय मुहूर्त बताएं हैं। जिसमें विजयादशमी, अक्षयनवमी, रामनवमी और अक्षयतृतीया शामिल है। अक्षय का शाब्दिक अर्थ है-जिसका कभी नाश यानी क्षय न हो। आचार्यों के मुताबिक अक्षय तृतीया को स्नान-दान, जप-तप, हवनादि कर्मों का शुभ और अनन्त फल मिलता है।

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए आचार्य अमरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि अक्षय तृतीया का महापर्व वैसाख मास की शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। वाराणसी पंचांग रूपेण तृतीया तिथि गुरुवार की रात्रि 3 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होकर शुक्रवार की शेष रात्रि 4 बजकर 04 मिनट तक है। अत: शुक्रवार को दिनभर स्थिर मुहूर्त रहेगा। हालांकि, आचार्य ने वृष लग्न में सुबह के समय 5:19 बजे से 7:17 बजे तक को पूजन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त बताया है। वहीं एक अन्य मुहूर्त दोपहर 11:48 से 2:02 बजे तक के समय (सिंह लग्न) को भी उपयुक्त बताया है। आचार्य ने कहा कि रोहिणी नक्षत्र का आगमन 11 दिनों बाद 25 मई की दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर हो रहा है। जिसमें जिले के किसान खरीफ फसल की बुआई करने को शुभ मानते हैं। लेकिन उससे पहले अपने यहां कृषि हेतु भूमि पूजन करने की भी परंपरा रही है जो इसी दिन करने की रीति है।

आगामी फसल के लिए किसान करेंगे भूमि पूजन

मान्यता के अनुसार जिले के किसान अक्षय तृतीया पर भूमि पूजन करेंगे। इस बाबत पुरैनिया के किसान वीरेंद्र तिवारी, बराढ़ी गांव के रामकुमार पांडेय, कोंच-बकसड़ा के बांके बिहारी मिश्र, नावानगर के रविन्द्र दुबे, बिहपुर के विजयशंकर पांडेय आदि ने बताया कि आगामी फसल के लिए रीति-रिवाज के अनुरूप खेत में इस दिन वे अक्षत, गुड़, दही, अयपन, आम व परास का पत्ता, धान आदि से भूमि पूजन करेंगे। इसके उपरांत घर वापस आने पर प्रसाद के रूप में मीठा का पारण करेंगे। वहीं, रात की रसोई में भी मीठा पकवान आदि बनाकर ग्रहण करेंगे। इधर, ज्योतिषियों ने भी इस बार के मौसम को आगामी फसल के लिए सामान्य उत्पादन का योग बताया है।

कल ही प्रदोषकाल में मनेगी परशुराम जयंती

अक्षय तृतीया के प्रदोषकाल में परशुराम जयंती मनाने का प्रावधान रहा है। अत: अक्षय तृतीया तिथि में होने वाली परशुराम जयंती शुक्रवार को ही शाम प्रदोष समय में मनाई जाएगी। वैसे तो अक्षय तृतीया पर विवाह, गृह प्रवेश और सभी तरह के मांगलिक कार्य आरंभ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। परंतु, इस दिन सोना-चांदी खरीदना और जमीन-जायदाद के सौदे करना भी शुभ माना जाता है। हालांकि, दुनिया इस समय कोरोना महामारी की चपेट में है। इस कारण विजय प्राप्त करने को ले प्राय: सभी जगह लॉकडाउन लगा हुआ है। अत: आचार्यों ने भक्तों से घर में रहकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को ध्यान में रखकर सुख-समृद्धि की कामना करने को सबों के हित में बताया है।

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अक्षय तृतीया कोरोना का साया से सर्राफा बाजार को 10 करोड़ की चपत

जागरण संवाददाता, बक्सर : अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है, मगर पिछले साल की तरह इस बार भी अक्षय तृतीया आज लॉकडाउन के बीच मनाई जाएगी। लॉकडाउन के चलते सर्राफा बाजार पूरी तरह से बंद हैं। आर के जवेलर्स के विनय कुमार सर्राफ ने बताया कि पिछले लॉकडाउन में तो थोड़ा बहुत कारोबार हो भी गया था, मगर इस बार बिल्कुल ठप है। ऑनलाइन खरीदारी से भी कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। ऐसे जिले में सर्राफा कारोबार का लगभग दस करोड़ से भी अधिक का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते विवाह के शुभ मुहूर्त होने के बावजूद अक्षय तृतीया पर्व की रौनक खत्म सी हो गई है। इसका सबसे बड़ा असर बाजार पर पड़ रहा है। अप्रैल एवं मई माह में जहां सोने चांदी की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ रहती थी, वहीं अक्षय तृतीया पर तो पहले से ऑर्डर एवं पूरे दिन कारोबारियों की चांदी होती थी। अक्षय तृतीया पर सोने की खरीद को सबसे अधिक शुभ माना गया है। जिस कारण बड़ी संख्या में लोग अक्षय तृतीया पर सोने के आभूषण खरीदते हैं। लॉकडाउन के कारण न तो सर्राफा बाजार ही खुलेगा और न ही लोगों को खरीदारी करने के लिए बाहर निकलने की छूट दी जा रही है।

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